ईडी का इस्तेमाल बदले की भावना से नहीं, यह ‘पूरी तरह से स्वतंत्र’ है: सीतारमण

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वाशिंगटन। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का सरकार द्वारा राजनीतिक या प्रतिशोध के लिए इस्तेमाल किए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ईडी अपना काम करने के वास्ते ‘‘पूरी तरह स्वतंत्र’’ है। अमेरिका की अपनी यात्रा के खत्म होने पर शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने वित्त …

वाशिंगटन। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का सरकार द्वारा राजनीतिक या प्रतिशोध के लिए इस्तेमाल किए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ईडी अपना काम करने के वास्ते ‘‘पूरी तरह स्वतंत्र’’ है। अमेरिका की अपनी यात्रा के खत्म होने पर शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने वित्त मंत्रालय की दो शाखाओं आयकर विभाग और ईडी के जरिए कॉरपोरेट क्षेत्र तथा लोगों में किसी तरह का भय पैदा करने से इनकार किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ईडी जो करता है उसमें वह पूरी तरह स्वतंत्र है और यह ऐसी एजेंसी है जो पहले ही दर्ज हो चुके अपराधों की जांच करती है। पहला अपराध किसी अन्य एजेंसी द्वारा पहले ही दर्ज कर लिया जाता है चाहे वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो हो या कोई अन्य एजेंसी हो और इसके बाद ईडी का काम शुरू होता है।’’ सीतारमण ने कहा कि ईडी पर्याप्त सूचना और सबूत मिलने के बाद कार्रवाई करती है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ईडी कहीं भी सबसे पहले सामने नहीं आती। मैं किसी खास मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहती लेकिन निश्चित तौर पर अगर ईडी कहीं जाती है तो उसके हाथ में प्रथमदृष्टया कुछ सबूत होते हैं।’’

‘जी20 की अध्यक्षता के दौरान बहुराष्ट्रीय विकास बैंकों, जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करेगा भारत’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत अगले साल होने जा रहे जी20 सम्मेलन की अध्यक्षता के दौरान बहुराष्ट्रीय विकास बैंकों, कर्ज की स्थिति और जलवायु परिवर्तन जैसे कई अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की तैयारी कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की हाल में संपन्न सालाना बैठकों के दौरान सीतारमण समेत भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के समूह की अध्यक्षता के तौर पर भारत की प्राथमिकताओं पर जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों को जानकारी दी।

भारत एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी20 की अध्यक्षता संभालेगा। सीतारमण ने शनिवार को यहां एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमने जी20 सदस्यों के साथ सुबह के नाश्ते पर अनौपचारिक बातचीत की थी। उनका बहुत सकारात्मक और सहयोगात्मक रवैया था। मैंने पाया कि उन सभी ने सहयोग जताया और कहा कि भारत को अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल में मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए और हम सभी आपका समर्थन एवं सहयोग करने के लिए हैं।’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने भारत के एजेंडे की विस्तारपूर्वक जानकारी नहीं दी लेकिन उन मुद्दों पर बात की जिनमें भारत की दिलचस्पी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहती हूं कि हम निश्चित तौर पर चाहेंगे कि जी20 सदस्य इस पर चर्चा करें कि बहुपक्षीय विकास बैंक अपने पास मौजूद अक्षय निधि का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।’’ सीतारमण ने कहा कि कर्ज की स्थिति पर भी चर्चा होने की संभावना है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानती हूं कि महामारी के दौरान सतत पहल की गयी। अब वह वक्त बीत गया है। अब और देशों की कमजोरियां सामने आ रही हैं, कई मध्यम आय वाले देश उच्च जोखिम की स्थिति में हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तीसरा, हम जलवायु वित्त के बारे में बात करेंगे। मुझे लगता है कि इस चर्चा का बड़ा हिस्सा यूएनएफसीसीसी के अंतर्गत होगा। इसलिए पर्यावरण से संबंधित मुद्दे वहां से उठने चाहिए। निश्चित तौर पर बहुपक्षीय संस्थाओं की एक भूमिका होगी।’’ सीतारमण 11 अक्टूबर से अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर हैं। आईएमएफ तथा विश्व बैंक की सालाना बैठकों में भाग लेने के अलावा उन्होंने यात्रा के दौरान कई देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं।

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