छठ पूजा : मथवा पे लेके दउरवा व्रती पहुंचे घाट, दिया संध्या अर्घ्य
अमृत विचार, अयोध्या। कार्तिक शुक्ल षष्ठी को व्रती बांस की टोकरी में सभी फल, फूल और प्रसाद लेकर सरयू नदी के घाट तथा कुंडों पर पहुंचे और जल में खड़े होकर पूजन-अर्चन के बाद अस्तांचल गामी सूर्य को अर्घ्य दिया। पर्व को लेकर सरयू किनारे गुप्तारघाट, नयाघाट समेत कुंडों पर मेले जैसा माहौल रहा। चार …
अमृत विचार, अयोध्या। कार्तिक शुक्ल षष्ठी को व्रती बांस की टोकरी में सभी फल, फूल और प्रसाद लेकर सरयू नदी के घाट तथा कुंडों पर पहुंचे और जल में खड़े होकर पूजन-अर्चन के बाद अस्तांचल गामी सूर्य को अर्घ्य दिया। पर्व को लेकर सरयू किनारे गुप्तारघाट, नयाघाट समेत कुंडों पर मेले जैसा माहौल रहा।
चार दिवसीय पर्व के तीसरे दिन शनिवार को व्रती के परिवार के पुरुष सदस्य दूसरी पहर बांस की टोकरी में सूप, पांच प्रकार के फल, नारियल तथा अन्य सामान रखकर घाट के लिए रवाना हुए। इस दौरान साथ चल रही महिलाएं छठ गीत गाती रहीं। घाट पर पहुंच महिलाओं ने पहले से बनाए गए चबूतरे पर आसन जमाया।
नदी की मिट्टी निकाल छठ माता का चौरा बना उस पर पूजा का सामान तथा नारियल चढ़ाया तथा दीप जलाया। सूर्यास्त से पहले ही नदी की धारा में खड़े होकर सूर्य देव के डूबने का इंतजार किया। फिर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पांच बार परिक्रमा की इसके लिए व्रतियों ठेकुआ पहले से बनाकर रखा था और सामान आदि बाजार से खरीद रखा था। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद टोकरी में लाए गए केराव के दाने को वापस लेकर व्रती घर लौटीं। सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर 36 घंटे तक चलने वाला निर्जला व्रत संपन्न होगा।
घाटों पर हुई आतिशबाजी
गोसाईगंज प्रतिनिधि के अनुसार कस्बे के महादेवा घाट,सीताराम घाट व ठुकराईन के पोखरे पर जल में खड़े होकर व्रती महिलाओं ने अस्तांचल गामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इस अवसर पर सभी घाटों पर छठ मइया के गीत गुंजायमान हो रहे थे। घाटों पर आतिशबाजी भी हुई। नहाय-खाय के साथ शुरू हुए पर्व का सोमवार को भोर में उगते सूर्य को व्रती महिलाएं अर्घ्य देकर अपने व्रत का समापन करेगी। इस अवसर पर घाटो पर महिलाओ,पुरुषों सहित बच्चो की भारी भीड़ मौजूद रही।
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