World Diabetes Day 2022 : मधुमेह की जकड़ में मुरादाबाद की एक चौथाई आबादी, बच्चे भी चपेट में 

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Published By Bhawna
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विश्व मधुमेह दिवस : तनावग्रस्त व बेतरतीब जीवन शैली से बढ़ रहा कम उम्र में मधुमेह का खतरा 

मुरादाबाद,अमृत विचार। मधुमेह की जकड़ में जिले की एक चौथाई आबादी है। हर तीसरा या चौथा व्यक्ति मधुमेह पीड़ित है। यह आंकड़े किसी सामान्य व्यक्ति को तो चौंका सकते ही हैं चिकित्सक भी इससे हैरान हैं। आनुवांशिक कारणों से अधिक अज्ञानता, तनावग्रस्त जीवन शैली कम उम्र के लोगों को मधुमेह अपनी चपेट में ले रहा है। जिला अस्पताल के अलावा निजी चिकित्सकों के पास ऐसे रोगियों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। 

मंडल मुख्यालय के जिले की आबादी 38 लाख के करीब है। इसकी एक चौथाई आबादी यदि मधुमेह से ग्रसित है तो इसकी भयावहता का अंदाजा सहज की लग सकता है। विश्व मधुमेह दिवस पर इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए चिकित्सक शिविरों में और अपने ओपीडी में जानकारी तो देते हैं लेकिन, इसको लेने वाले कितने गंभीर हैं इसका असर इसी पर निर्भर करता है। 

सोमवार को जिला अस्पताल में शिविर लगाकर मधुमेह रोग के कारण, लक्षण बचाव की जानकारी दी गई। इसमें जांच कराकर मरीजों में मधुमेह का स्तर नापा गया। जिनको भी ऐसे लक्षण मिले उन्हें चिकित्सकों के पास इलाज व परामर्श के लिए भेजा गया। जिला अस्पताल के वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डॉ. प्रवीण शाह कहते हैं कि आज के दौर में चार में से हर तीसरा या चौथा व्यक्ति मधुमेह से ग्रसित है। यह गंभीर खतरे का संकेत है। समय रहते यदि नहीं चेते तो आने वाले दिनों में आधी आबादी पर यह रोग संकट का कारण बनकर मंडराएगा। इससे जीवन दूभर हो जाएगा। इसलिए अब भी समय है खुद को बदलें और इस बीमारी को नियंत्रित करें। वह कहते हैं कि अब कम उम्र के बच्चों और युवाओं में भी मधुमेह बीमारी हो रही है। इसलिए उम्रदराज को ही यह रोग होगा इस तरह का भ्रम न पालें। 

क्या है मधुमेह की जांच के स्तर
डॉ. प्रवीण शाह कहते हैं कि खाली पेट जांच कराने पर यदि शर्करा का स्तर खून में 126 मिलीग्राम से अधिक होता है तो मधुमेह कन्फर्म है। वहीं खाने या नाश्ते के दो घंटे बाद यदि 140 एमजी से अधिक रीडिंग आता है तो तत्काल किसी विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह से पूरी जांच और इलाज कराएं।

तीन प्रकार से होता है मधुमेह

  • ने फ्रोपैथी-इसमें मधुमेह का स्तर बढ़ने पर गुर्दा खराब हो जाता है। 
  • न्यूरोपैथी- इस प्रकार के मधुमेह से नसें कमजोर होती हैं
  • रेटिनोपैथी-इसमें आंख के अंदर रेटिना कमजोर या खराब होने पर नजर धुंधली हो जाती है। कुछ भी साफ नहीं दिखता है।

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