चमगादड़ों में मिला खतरनाक वायरस, इंसानों में फैलकर पूरी दुनिया में मचा सकता है तबाही, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

चमगादड़ों में मिला खतरनाक वायरस, इंसानों में फैलकर पूरी दुनिया में मचा सकता है तबाही, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

नई दिल्ली। दुनियाभर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस की शुरूआत चीन से मानी जाती है। इस खतरनाक वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया था जिस वजह से लाखों लोगों की मौत भी हुई थी। अब दुनिया के कुछ देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं तो वहीं कुछ देशों में बढ़ भी रहे हैं। वहीं इस बीच वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दक्षिणी चीन में चमगादड़ों में कोरोना जैसा वायरस पाया गया है जो पांच में से एक इंसान में फैलने की क्षमता रखता है। 

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इस वायरस को बीटीएसबाई2 (BtSY2) के नाम से जाना जाता है और यह SARS-CoV-2 से संबंधित है। इस वायरस को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह चीन के युन्नान प्रांत में चमगादड़ों में मिले उन पांच खतरनाक वाले वायरसों में एक है जो मनुष्यों और पशुओं में कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकता है। इसके अलावा वैज्ञानिकों की टीम ने कई संभावित नए पशुजन्यरोग के बारे में भी जानकारी दी है जो जानवरों से इंसानों में फैलते हैं। 

डेलीमेल के मुताबिक, इस रिसर्च को शेन्जेन स्थित सन यात-सेन यूनिवर्सिटी, युन्नान इंस्टीट्यूट ऑफ एंडेमिक डिजीज कंट्रोल और सिडनी यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने लीड किया था। इस रिसर्च की अभी समीक्षा होना बाकी है। टीम ने बताया, हमने पांच वायरस प्रजातियों की पहचान की है जो मनुष्यों और पशुओं के लिए रोगजनक हो सकती है। इसमें एक रिकॉम्बिनेशन सार्स जो कोरोनवायरस जैसा है, वह भी शामिल है। यह नया वायरस SARS-CoV-2 और 50 SARS-CoV दोनों से निकटता से संबंध रखता है। 

वहीं वैज्ञानिकों ने आगे कहा, हमारी रिसर्च चमगादड़ वायरस के एक-प्रजाति से दूसरी प्रजाती में संचरण और को-इंफेक्शन की समान्य घटना के साथ-साथ वायरस के विकास के लिए उसके प्रभावों पर प्रकाश डालती है। बता दें रिसर्चर्स ने चीन के युन्नान प्रांत के छह काउंटी या शहरों में 15 प्रजातियों की चमगादड़ों में से 149 की यूरिन का सेंपल लिया। चमगादड़ों की जीवित कोशिकाओं में मौजूद न्यूक्लिक एसिड जिसे आरएनए कहा जाता है, उसे हर चमगादड़ से इंडिविजुअल निकाला गया और उसे अनुक्रमित किया गया। जिसमें रिसर्चर्स ने पाया कि एक चमगादड़ को एक ही समय में कई वायरस द्वारा संक्रमित किया गया था। 

नॉटिंघम विश्वविद्यालय के वीरोलॉजिस्ट प्रोफेसर जोनाथन बॉल के अनुसार, इस वजह से पहले से मौजूद कोरोना वायरस के रूप अपने जेनेटिक कोड में बदलाव कर सकते हैं जिससे नए पैथोजन यानी वायरस का जन्म हो सकता है. लोगों के लिए संदेश ये है कि चमगादड़ कई वायरसों के लिए होस्ट का काम करते हैं. वो एक ही समय पर एक साथ कई वायरसों को अपने अंदर रख सकते हैं और फिर बड़े पैमाने पर फैला सकते हैं। बता दें BtSY2 में एक 'रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन' भी है जो स्पाइक प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसका उपयोग कोशिकाओं को मानव कोशिकाओं से जोड़ने के लिए किया जाता है। यह SARS-CoV-2 के ही समान है और यह इंसानी शरीर से जुड़कर मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है। 

वहीं रिसर्चर्स की टीम ने आगे कहा, BtSY2 सेल एंट्री के लिए मानव ACE2 रिसेप्टर का उपयोग करने में सक्षम हो सकता है. ACE2 मानव कोशिकाओं की सतह पर एक रिसेप्टर जो SARS-CoV-2 के साथ बॉन्ड बनाता है और उसे शरीर में प्रवेश करने और संक्रमित करने की अनुमति देता है। दक्षिण-पश्चिमी चीन में युन्नान प्रांत को पहले से ही चमगादड़ों की प्रजातियों और चमगादड़ों से पैदा होने वाले विषाणुओं के लिए एक हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना गया है।  वहां कई रोगजनक वायरस पाए गए हैं जिनमें SARS-CoV-2 के करीबी बैट वायरस RaTG1313 और RpYN0614 भी शामिल हैं। 

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