GSVM Medical College में बनेगा बच्चों का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, अब नए तरह के संक्रमण आने पर डॉक्टर करेंगे इलाज
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में बच्चों की हर तरह की बीमारी का होगा इलाज।
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में बच्चों का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। इसके लिए प्रदेश के 30 मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों के डॉक्टर प्रशिक्षित किए जाएंगे। गंभीर मरीज, जटिल समस्या या फिर नए तरह के संक्रमण आने पर डॉक्टर इलाज करेंगे।
कानपुर, [शशांक शेखर भारद्वाज]। GSVM Medical College प्रदेश के 30 मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों के गंभीर मरीजों का इलाज कर सकेगा। यहां के विशेषज्ञ जटिल समस्या, नए तरह के संक्रमण आने पर डॉक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित करेंगे। गंभीर स्थिति होने पर यहीं से इलाज की व्यवस्था की जाएगी।
मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में बच्चों का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनने जा रहा है। यह व्यवस्था नेशनल हेल्थ मिशन से सहयोग से की जा रही है। बाल रोग विभाग में पीडिएट्रिक आईसीयू भी तैयार किया जाएगा।
काफी संख्या में बच्चों की प्री मेच्योर (समस से पूर्व पैदा हुए), किसी कारण से संक्रमण की चपेट में आए या फिर अन्य बीमारियों के चलते मृत्यु हो जाती है। इस समस्या को रोकने के लिए प्रसूताओं को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें संतुलित आहार लेने के लिए साथ ही नियमित जांच कराने के लिए कहा जाता है।
इसके बावजूद बीमार बच्चों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से प्रदेश के कई बड़े मेडिकल कॉलेज को चिह्नित किया है। यह छोटे मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को प्रशिक्षित करेगा। उन्हें विशेषज्ञों से राय लेकर पूरी प्लानिंग से इलाज की सुविधा कराई जाएगी।
इसके लिए सीसीटीवी कैमरे, वैब कैम, बिग स्क्रीन और अन्य तरह के उपकरणों का बजट मिल गया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को उन्नाव, फतेहपुर, हमीरपुर समेत अन्य मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों की जिम्मेदारी मिली है।
45 बेड का पीडिएट्रिक आईसीयू होगा तैयार
प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि बाल रोग विभाग में 45 बेड का पीडिएट्रिक आईसीयू तैयार किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही उपकरण आ जाएंगे। यहां पर कुछ मशीनें लगाई जाएंगी, जिनके सहारे अन्य मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। नोडल अधिकारी बाल रोग के विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव को बनाया गया है।
