Ranji Trophy : रणजी ट्रॉफी में पहली बार अंपायरिंग करेंगी ये तीन महिलाएं, जानिए इनके बारे में

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Published By Bhawna
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वृंदा राठी, जननी नारायणन और गायत्री वेणुगोपालन

नई दिल्‍ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने रणजी ट्रॉफी में पहली बार महिलाएं अंपायर्स को शामिल करने का फैसला किया है। बीसीसीआई ने नए सीजन के लिए शॉर्ट लिस्ट अंपायरिंग पैनल में तीन महिलाओं को शामिल किया है। 13 दिसंबर से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी के पैनल में मुंबई की वृंदा राठी, जननी नारायणन और गायत्री वेणुगोपालन का चयन किया गया है।  88 साल के टूर्नामेंट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब अंपायरिंग पैनल में महिलाओं ने जगह बनाई है। 

आपको बता दें कि  कई राज्य क्रिकेट संघ महिला क्रिकेट के अलावा स्थानीय स्तर पर पुरुषों के मुकाबलों में भी महिलाओं से अंपायरिंग कराते हैं, लेकिन अब तक बीसीसीआई ने कभी भी महिलाओं को पुरुषों के सीनियर टूर्नामेंट में ऑन-फील्ड अंपायर के रूप में कार्य करने का अवसर नहीं दिया था। लेकिन इस सीजन में तीन महिलाएं बड़ी छलांग लगाएंगी और पुरुषों से भरे ग्राउंड में अंतिम फैसला उनका होगा।

जानें तीनों महिलाओं के बारे में

  • मुंबई की रहने वाली वृंदा राठी मैच के दौरान स्कोरर का काम करती थीं। एक बार वे न्यूजीलैंड की इंटरनेशनल अंपायर कैथी क्रोस से मिलीं। क्रोस से मिलने के बाद वृंदा ने अंपायरिंग में हाथ अजमाने का फैसला किया और BCCI का अंपायरिंग टेस्ट पास किया।
  • चेन्नई की जननी नारायण ने अंपायर बनने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। 36 साल की जननी नारायणन ने कभी भी उच्च स्तर पर क्रिकेट नहीं खेला। लेकिन, इस खेल के प्रति हमेशा से उनका आकर्षण था। 
  • गायत्री वेणुगोपाल क्रिकेटर बनना चाहती थीं, लेकिन कंधे की चोट ने उनसे उनका सपना छीन लिया। उन्होंने क्रिकेट को खुद से दूर नहीं जाने दिया और अंपायरिंग करने लगीं।

 

महिला अंपायर्स को ट्रेनिंग देगा बीसीसीआई

भारत में ज्यादा से ज्यादा महिला अंपायर तैयार हों इसके लिए बीसीसीआई ट्रेनिंग उपलब्ध कराएगा। साथ ही टेस्ट का आयोजन करेगा, ताकि महिला अंपायर का पैनल तैयार किया जा सके जो घरेलू क्रिकेट में अंपायरिंग कर सकें।

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