बरेली: सीएम से आस...स्वास्थ्य विभाग की सुधर जाए सेहत, मानव संसाधनों की कमी बेहतर इलाज में रोड़ा

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Published By Om Parkash chaubey
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मिल जाएं विशेषज्ञ तो 300 बेड अस्पताल बन जाएगा सुपर स्पेशियलिटी, अल्ट्रासाउंड, आईपीडी व सर्जरी समेत कई सुविधाएं नहीं हो सकीं शुरू

बरेली, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पहले डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी जिले का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने निरीक्षण के दौरान 300 बेड अस्पताल में ओपीडी संचालन के आदेश दिए थे। इसके बाद ओपीडी शुरू कर दी गई। इससे मरीजों को राहत मिली। कुतुबखाना पुल निर्माण शुरू होने के बाद जिला अस्पताल के कई विभागों की ओपीडी को भी यहां शिफ्ट कर दिया गया।

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बुधवार को सीएम दौरे पर आ रहे हैं। इससे लोगों की आस जगी है कि 300 बेड अस्पताल की सुविधाओं में इजाफा होगा। अगर अस्पताल को विशेषज्ञ मिल जाएं तो गंभीर रोगियों को इलाज के लिए दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी का दर्जा भी मिल जाएगा।

करीब छह साल पहले 300 बेड अस्पताल बना था। कोरोना ने दस्तक दी तो इसको आनन-फानन में कोविड अस्पताल बना दिया गया, मगर संसाधनों में अभी तक वृद्धि नहीं की गई है। इस वजह से अल्ट्रासाउंड, आईपीडी व सर्जरी समेत कई सुविधाएं शुरू नहीं हो सकी हैं। यदि स्टाफ मिल जाए तो इन सुविधाओं का लाभ रोगियों को मिलने लगेगा।

हालांकि, इस अस्पताल में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधा देने की शासन ने योजना बनाई थी, लेकिन विभाग में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी से यहां महज ओपीडी ही चल पा रही है। यूं तो जिले को मेडिकल हब भी कहा जाता है। यहां तीन प्राइवेट मेडिकल कालेज संचालित हो रहे हैं। 300 बेड अस्पताल बनने के बाद उम्मीद थी कि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा, लेकिन विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी इसमें रोड़ा बन गई है।

शासन अगर स्पेशलिस्ट डाक्टरों की तैनाती कर दे तो बरेली ही नहीं बल्कि रुहेलखंड के मरीजों के लिए बड़ी सहूलियत मिलेगी। वहीं, जिला अस्पताल में भी विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी है। चेस्ट फिजिशियन के सेवानिवृत्त होने के बाद दूसरा डाक्टर तैनात नहीं किया गया है। इसका असर चिकित्सकीय सेवाओं पर पड़ रहा है।

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