अदालत का फैसला : सास की जान लेने वाली बहू को कोर्ट ने दिया दोषी करार सुनाई दस साल कैद की सजा

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Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, लखनऊ। सास की गला दबाकर गैर इरादतन हत्या करने की आरोपी बहू रोली यादव को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश शालिनी सागर ने दस साल के कठोर कारावास व बीस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।

अदालत के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए सरकारी वकील ने दलील दी कि इस मामले की रिपोर्ट अभियुक्ता के विरुद्ध उसके पति सोनेलाल ने 16 दिसम्बर 2011 को काकोरी थाने पर दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि वह दूध बेचने के लिए लखनऊ जाता था तथा घर पर उसकी मां रूपा व पत्नी रोली यादव के बीच झगड़ा हुआ करता था।

 

कहा गया है कि घटना वाले दिन भी जब वह घर में नहीं था तो पत्नी व मां के बीच लड़ाई-झगड़ा हुआ था जिसमें अभियुक्ता रोली यादव ने बिना कुछ सोचे-समझे वादी की मां का गला दबा दिया था जिससे उनकी मौत हो गई थी। थाने में दर्ज रिपोर्ट में कहा गया कि मां की मृत्यु की सूचना यद्यपि वादी ने बिना किसी पर आरोप लगाए दी थी।

 

लेकिन बाद में उसे मालूम हुआ कि 16 दिसम्बर को झगड़े को लेकर उसकी पत्नी रोली यादव ने ही मां रूपा की झगड़े के दौरान गुस्से में आकर गला दबा दिया जिससे उनकी मृत्यु हो गई। अदालत ने पत्रावली पर मौजूद मौखिक साक्ष्य व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर रोली यादव को कारावास व जुर्माने की सजा से दंडित किया है।

 

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