तेलंगाना में वन अधिकारी की हत्या से पोडू भूमि मुद्दा फिर आया सुर्खियों में

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Published By Vishal Singh
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हैदराबाद। तेलंगाना में गुथी कोया आदिवासियों द्वारा एक वन अधिकारी की वन भूमि की रक्षा करने की कोशिश के दौरान कथित रूप से हत्या किए जाने के बाद पोडू भूमि (स्थानांतरित खेती) का मुद्दा फिर सुर्खियों में आ गया है।

पोडू भूमि पर अधिकार की मांग वाले कई आवेदन अभी लंबित हैं। भद्राद्री कोठागुडेम जिले के एक वन क्षेत्र के अंदर पोडू खेती में शामिल आदिवासियों के एक समूह द्वारा 22 नवंबर को कथित रूप से किए गए हमले में वन रेंज अधिकारी (एफआरओ) श्रीनिवास राव की मौत हो गई थी।

राव एक अन्य अधिकारी के साथ वनों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए वहां गए थे। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक, तेलंगाना में अभी सात लाख एकड़ से अधिक भूमि पोडू खेती के अधीन है।

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने एफआरओ की मौत पर दुख जताया था और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया था।

एफआरओ की हत्या से वन कर्मियों में अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गई है। तेलंगाना वन अधिकारी संघ ने राज्य सरकार से वनों के संरक्षण की दिशा में प्रभावी ढंग से काम करने के लिए कर्मचारियों को हथियार उपलब्ध कराने का आग्रह किया है।

तेलंगाना में पोडू भूमि संघर्ष का केंद्र है, जहां स्थानीय समुदाय जंगलों को साफ करने के बाद बीजों की बुवाई करते हैं। फसल कटने के बाद पोडू किसान संबंधित भूमि को छोड़कर चले जाते हैं और कभी-कभार वे दूसरी फसल के मौसम में वहां फिर से खेती के लिए लौटते हैं। खेती के लिए इस तरह से वनों की कटाई तेलंगाना में चिंता का बड़ा सबब बनकर उभरी है। 

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