भारतीय नाविकों की रिहाई के लिए इक्वेटोरियल गिनी, नाइजीरिया के साथ सम्पर्क में : मुरलीधरन 

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Published By Ashpreet
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नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को बताया कि हिरासत में लिये गए 16 भारतीय नाविकों की शीघ्र रिहाई के लिये नाइजीरिया के संपर्क में है और इस मामले में अवैध प्रवेश के आरोपों को लेकर शिपिंग कंपनी ने इक्वेटोरियल गिनी को जुर्माने का भुगतान कर दिया है।

लोकसभा में हिबी ईडन के प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने यह जानकारी दी। ईडन ने पूछा था कि क्या सरकार इक्वेटोरियल गिनी में हिरासत में लिये गए केरल के तीन नाविकों सहित 16 भारतीय नाविकों की रिहाई के लिये विभिन्न प्राधिकारियों के सम्पर्क में है?

क्या सरकार इस मामले की करीबी निगरानी कर रही है? मंत्री ने बताया कि 16 भारतीय नाविकों की रिहाई के लिए मंत्रालय काम कर रहा है। ये 16 नाविक अगस्त के महीने में हिरासत में लिए गए व्यावसायिक जहाज के चालक दल के सदस्य हैं।

मुरलीधरन ने कहा, इक्वेटोरियल गिनी नौसेना द्वारा 12 अगस्त 2022 को केरल के 3 व्यक्तियों सहित भारतीय दल के 16 नाविकों को हिरासत में लिया गया। बाद में 12 नवंबर 2022 को शिपयार्ड चालक दल को नाइजीरिया को सौंप दिया गया था।

उन्होंने बताया कि जहाज एमटी हीरोइक इदुन के हिरासत में लिये जाने की खबर सुनकर इक्वेटोरियल गिनी और नाइजीरिया में हमारे दोनों मिशनों ने स्थानीय अधिकारियों और शिपिंग कंपनी ओएसएम से संपर्क किया और जहाज पर सवार भारतीय चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिये सभी राजनयिक सेवाएं प्रदान कीं।

विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि नाइजीरिया स्थित भारतीय मिशन ने भारतीय चालक दल के सदस्यों की शीघ्र रिहाई के लिये नाइजीरियाई अधिकारियों से संपर्क साधा और कानूनी माध्यमों से सहायता मांगी है।

उन्होंने कहा कि सरकार का यह प्रयास है कि भारतीय चालक दल के 16 सदस्यों की शीघ्र रिहाई कराई जाए। उन्होंने कहा कि इक्वेटोरियल गिनी की सरकार ने अपनी समुद्री सीमा में अवैध प्रवेश के आरोप में लगाभग 20 लाख यूरो का जुर्माना लगाया है जिसका भुगतान शिपिंग कंपनी द्वारा कर दिया गया है।

एक दिन पहले ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बताया था कि नाइजीरियाई पक्ष द्वारा 14 नवंबर को अदालत में दायर आरोपपत्र में नाविकों के खिलाफ तीन आरोप लगाए गए हैं जिनमें... षड्यंत्र करना, कानूनी तौर पर रोके जाने से बचना और कच्चे तेल का गैरकानूनी तरीके से निर्यात करना शामिल है।

ज्ञात हो कि इस मामले में करीब 26 नाविकों को हिरासत में लिया गया है जिनमें से 16 भारतीय हैं जबकि बाकी पोलैंड, फिलीपीन और श्रीलंका के हैं। 

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