नगर निकाय चुनाव : जनता का दुख-दर्द समझने वाला हो 'पीलीभीत का चेयरमैन'

अमृत विचार ने 'हमारा चेयरमैन कैसा हो' कार्यक्रम के तहत भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से की वार्ता

नगर निकाय चुनाव : जनता का दुख-दर्द समझने वाला हो 'पीलीभीत का चेयरमैन'

पीलीभीत, अमृत विचार। भले ही अभी निकाय चुनाव की तारीख नियत नहीं हो लेकिन गली-गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। इस बार मतदाताओं का शहर के विकास की ओर रुझान है। हर कोई साफ-सफाई, पार्किंग और शहर के सौंदर्यीकरण का मुद्दा छेड़ा हुआ है। लोगों का कहना है कि चेयरमैन ऐसा होना चाहिए जो जनता का दुख-दर्द समझे।  इस बार जनता को विकास चाहिए...वादे नहीं। वहीं मतदाता शहर की राजगद्दी किसे सौंपते हैं यह वक्त बताएगा।

शुक्रवार को अमृत विचार ने 'हमारा चेयरमैन कैसा हो' कार्यक्रम के तहत भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से वार्ता की। उन्होंने बताया कि पीलीभीत का चेयरमैन साफ छवि, शिक्षित और अहंकार रहित हो। जो जनसमस्याओं का समाधान करवा सके। जिसकी रुचि समाज कल्याण की ओर हो, न कि खुद के फायदे की। कहने के लिए टाइगर रिजर्व है, लेकिन शहर को देखकर लगता ही नहीं कि इतनी बड़ी सौगात पीलीभीत को मिली है। अबकी बार व्यापारियों का रुझान मुद्दों पर वोट देने का है। ऐसा चेयरमैन बनें जो व्यापारियों की समस्याओं का भी प्रमुखता से निस्तारण कराए।


चेयरमैन...बेदाग छवि, युवा एवं शिक्षित होना चाहिए। जो जमीन से जुड़ा हो तभी वह समस्याएं समझ उनका निराकरण कर पाएगा। चेयरमैन उसी को बनना चाहिए जिसकी खुद की रुचि समाज कल्याण की हो। नगर के विकास की हो। ऐसे किसी से कोई फायदा नहीं जो आने के साथ ही अपना घर भरने लग जाए। धर्म, वर्ग, स्त्री/पुरुष  के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। - अभिषेक अग्रवाल, जिलाध्यक्ष, व्यापार मंडल।

शहर में गंदगी, जलभराव, पार्किंग और ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। तिराहे-चौराहे सौंदर्यीकरण के अभाव में बदहाल हैं। सड़कें टूटी हैं, स्ट्रीट लाइट जल नहीं रही हैं। वही चेयरमैन बने जो इन सारी समस्याओं से निजात दिलाए। जो शहर को साफ और स्वच्छ बनाए। शहर की राजगद्दी वही पाएगा जो पीलीभीत का चहुंमुखी विकास कराएगा। - अतुल अग्रवाल, जिला कोषाध्यक्ष।

शहर में गंदगी का मुद्दा बहुत बड़ा है। चेयरमैन के लिए तमाम प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं। लेकिन इस बार वही चेयरमैन बनेगा जो व्यापारियों की समस्याओं को प्रमुखता रख समाधान करवाएगा। पार्किंग न होने से जाम लगता है। गलियों में स्ट्रीट लाइट न होने से शाम होते ही शहर में डूब जाता है। सड़कों की हालत भी दयनीय है। - अभिनेव सिंह, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष।

इस बार व्यापारियों को ऐसे उम्मीदवार की उम्मीद है जो जमीन से जुड़ा हुआ है। शहर के तिराहे-चौराहों और पार्कों को सौंदर्यीकरण की आवश्यकता है। धरातल पर काम होना है। पिछले वर्षों में शहर में क्या-क्या हुआ यह हर कोई जानता है। जो उम्मीदवार समस्याओं का समाधान करवा सके। अगर, वैश्य समाज से जुड़ा उम्मीदवार साफ स्वच्छ छवि का है तो उसके चुनेंगे। - प्रयास अग्रवाल, जिला उपाध्यक्ष।

सफाई व्यवस्था, सड़कों का विकास, स्ट्रीट लाइटें और पार्किंग आदि समस्याओं का जो समाधान करवाएगा वही चेयरमैन बनेगा। इस बार ऐसे प्रत्याशी को वोट देना है जो जमीनी स्तर पर काम करवाए। गंदगी के कारण शहर में डेंगू फैल रहा है। जिसकी रोकथाम के लिए पालिका कुछ नहीं कर रही है। अगर, शहर में साफ-सफाई होगी तो बीमारियां फैलेंगी ही नहीं। - माणिक मित्तल, जिला उपाध्यक्ष।

शहर का चेयरमैन युवा हो, शिक्षित हो। सफाई व्यवस्था बेहतर बनाने वाला हो। जो भी यह सारे कार्य को प्राथमिकता देगा मतदाता उसी का चुनाव करेंगे। हर गलियों के बाहर एक बड़ा डस्टबिन रखा जाए। जिसमें सभी लोग कूड़ा डालें। पार्किंग की व्यवस्था को बेहतर बने। व्यापारियों की समस्याओं को प्रमुखता से समाधान करवाए। व्यापारी हित में ही मतदान होगा। - माधव गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष।

नगर स्वच्छ हो, साफ हो। जिससे बीमारियां दूर रहें। इसके साथ ही हर छोटे काम के लिए नगर पालिका में सुविधा शुल्क बंद हो। पालिका में हो रही धांधली पर रोक लगे। ऐसा उम्मीदवार आए जो पालिका से भ्रष्टाचार समाप्त करवा सके। इस बार शहर को साफ छवि का चेयरमैन चाहिए। शहर में टूटी नालियां और स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत हो। - सोनू महातिया, सदस्य।

शहर की राजगद्दी ऐसे उम्मीदवार के हाथ में जाए जिसका दृष्टिकोण विकास हित में हो। जो जनसमस्याओं को प्रमुख रख समाधान करे। इस बार वोट किसी पार्टी विशेष को नहीं बल्कि एक ऐसे उम्मीदवार को होगा जो शहर का विकास करेंगे। पिछले वर्षों में जो नहीं हो सका उस पर ध्यान केंद्रित कर सुधार करवाएंगे। एक ऐसे ही चेयरमैन की पीलीभीत को जरूरत है। - हर्षल सिंह, नगर चेयरमैन।

पीलीभीत नगर पालिका है, लेकिन हालात नगर पंचायतों से बदतर है। हर सड़क पर कूड़े के ढेर लगे हैं। जहां तहां डलाव घर बना दिए हैं। जो शहर की सुंदरता को धूमिल कर रहे हैं। अबकी बार बारिश ने शहर की व्यवस्था बयां की थी। सरकार से विकास के लिए पैसा आता है लेकिन वह विकास में खर्च न होकर जेबों में चला जाता है। इन सभी मुद्दों पर काम होना चाहिए। - अंकुर अग्रवाल, नगर महामंत्री। 

हमारा चेयरमैन बेदाग छवि का हो। व्यापारिय़ों के हित के बारे में सोचे। जनता से रुबरु होकर उनकी दिक्कतें जाने। अब तक जितने भी चेयरमैन बनें वे सब घरों तक सीमित रहे। कोई गली-मोहल्ले में नहीं पहुंचा। आलम यह है कि शहर की हालत दिनों दिन बदतर होती गई। अब स्थिति यह आ गई है कि शहर हर जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। पार्किंग की समस्या में भी सुधार हो। - विजय यादव, नगर कोषाध्यक्ष।

हर बार की तरह इस बार भी सबसे बड़ा मुद्दा साफ-सफाई का है। छुट्टा जानवर शहर में घूमते रहते हैं जो हादसों का कारण बनते हैं। यह समस्या भी प्रमुख है, जिस पर काम होना चाहिए। पालिका हमेशा से बजट का रोना रोती रहती है। जब किसी काम के लिए शिकायती पत्र दिया गया। तब-तब बजट का रोना रोया गया। शहर में डस्टबिन भी नहीं दिखाई देते हैं। - तरुण सलूजा, सदस्य।

चेयरमैन ईमानदार हो, विकास कार्य की ओर रुझान हो। जर्जर हाल सड़कों की मरम्मत करवाए। इन सभी मुद्दों पर जो काम कराएगा वही तो चेयरमैन बनेगा। इस बार भाजपा भी ऐसे उम्मीदवार को टिकट देगी जो शहर में काम कराएगा। योगी सरकार ने प्रदेश की छवि अलग ही बनाई है। इन सभी मुद्दों पर काम करने वाला चेयरमैन चाहिए। यह मुद्दे अबकी चुनाव में प्रमुख हैं। - नीरज श्रीवास्तव, जिला संगठन मंत्री।

सड़कों पर सबसे ज्यादा दिक्कत रहती है। जर्जर होने के कारण धूल से कपड़े भी खराब होते हैं। इसके साथ ही प्रतिष्ठानों में सामान गंदा होता है। सड़क निर्माण का मुद्दे पर भी चेयरमैन को जोर देना चाहिए। कई वर्षों से वादे तो बहुत हुए लेकिन धरातल पर काम नहीं हुआ। इस बार किसी नए चेहरे को बनाने का इरादा है। सभी मुद्दों को ध्यान में रख काम किया जाए। - आकाश सिन्हा, सदस्य।

शहर में पार्किंग की व्यवस्था न होना एक बड़ी समस्या है। इसका समाधान अति आवश्यक है। सीवर लाइन सिस्टम ध्वस्त है। अमृत योजना के तहत पाइप लाइन ने शहर की और दुर्दशा कर दी। शहर का विकास ऐसा हो कि सड़कें चमचमाएं। गंदगी मुक्त नगर बने। ट्रैफिक व्यवस्था भी बेहतर हो। जो उम्मीदवार इन मुद्दों पर काम कराएगा वोट उसी को जाएगा। - ओम प्रकाश, सदस्य।

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