ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे जाने के पीछे बाहरी लोगों का हाथ होने का संदेह : जेएनयू कुलपति पंडित 

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Published By Sakshi Singh
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कुलपति ने एक न्यूज रिपोर्ट से कहा कि जेएनयू सबका है और कोई भी इसका इस्तेमाल किसी समूह के खिलाफ नफरत फैलाने के लिये नहीं कर सकता। इस महीने की शुरूआत में जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्ट्डीज (एसआईएस)-द्वितीय की इमारत में ब्राह्मण और बनिया समुदाय के खिलाफ नारे लिखकर उसे विकृत किया गया था और उन्हें परिसर और देश छोड़ने को कहा गया था।

नई दिल्ली। जवाहरलाल विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने सोमवार को कहा कि परिसर के अंदर कुछ दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे जाने की घटना में 'बाहरी' लोगों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।

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कुलपति ने एक न्यूज रिपोर्ट से कहा कि जेएनयू सबका है और कोई भी इसका इस्तेमाल किसी समूह के खिलाफ नफरत फैलाने के लिये नहीं कर सकता। इस महीने की शुरूआत में जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्ट्डीज (एसआईएस)-द्वितीय की इमारत में ब्राह्मण और बनिया समुदाय के खिलाफ नारे लिखकर उसे विकृत किया गया था और उन्हें परिसर और देश छोड़ने को कहा गया था।

इस मामले को लेकर मीडिया के साथ अपनी पहली बातचीत में कुलपति ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि मामले के सामने आने के 24 घंटे के अंदर ही दीवारों पर फिर से रंग कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्ट्डीज में हमारी दीवारों के विरूपण की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण थी और मामले की जांच चल रही है। तुरंत ही दीवारों पर सफेदी कर दी गई और 24 घंटे के भीतर सफाई कर दी गई थी।

उन्होंने कहा कि हमारी जानकारी में आया है कि संभवत: बाहरी लोग परिसर में आए और उन्होंने ये सब किया। हम सोच रहे हैं कि हम क्या एहतियाती कदम उठा सकते हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। घटना के बाद जेएनयू ने अपने सभी केंद्रों से सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा। एक परामर्श में विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि उसने अधिसूचित किया है कि सभी स्कूलों और केंद्रों में केवल एक प्रवेश और निकास द्वार होगा। कुलपति ने तर्क दिया।

जेएनयू सभी के लिए है और कोई भी जेएनयू का उपयोग नफरत फैलाने व किसी भी समूह के खिलाफ भेदभाव करने के लिए नहीं कर सकता।

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