बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र होगा काफी हंगामेदार, जानें वजह

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Published By Vikas Babu
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पटना। बिहार विधानमंडल के कल से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। बिहार विधानमंडल के मंगलवार से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में पांच बैठकें तय हैं। सत्र के पहले दिन यानी 13 दिसंबर को विधानसभा में सभा अध्यक्ष और विधान परिषद में सभापति सदस्यों को संबोधित करेंगे।

इसके साथ ही मोकामा, गोपालगंज और कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव जीते विधायकों को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई जाएगी। इसके बाद राज्यपाल द्वारा स्वीकृत अध्यादेश की प्रतियां सदन पटल पर रखी जाएंगी। पहले ही दिन सरकार सदन में वित्तीय वर्ष 2022-23 का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी। इसके बाद पिछले सत्र से लेकर अब तक विधानसभा और विधान परिषद से संबंध रखने वाले पूर्व विधायकों के निधन पर शोक व्यक्त किया जाएगा ।

सदन की बैठक के दूसरे और तीसरे दिन 14 और 15 दिसंबर को राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य सदन में लिए जाएंगे। 16 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक बजट पर सामान्य वाद-विवाद और सरकार का जवाब भी होगा। आखिरी में विनियोग विधेयक लिया जाएगा और इसे मतदान के जरिए पारित कराया जाएगा।

इसके बाद 17 और 18 दिसंबर को शनिवार और रविवार पड़ने के कारण सदन की बैठक नहीं होगी। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन 19 दिसंबर को गैर सरकारी संकल्प लिए जाएंगे। इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी जाएगी।

मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तेवर को देखते हुए इसके स्पष्ट कयास लगाये जा रहे हैं कि विधान मंडल का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार होगा। सदन में बेगूसराय में हुए गोलीकांड के अलावा राज्य में बढ़ते अपराध का मुद्दा भी उठेगा।

विपक्ष ने सरकार को विधि-व्यवस्था के मुद्दे से लेकर अफसरशाही, भ्रष्टाचार और अराजकता जैसे विषय पर घेरने की तैयारी की है। साथ ही विभिन्न विभागों में हुई धांधली, लंबित जांच रिपोर्ट को दबाने और गड़बड़‍ियां उजागर होने के बाद भी कार्रवाई के बजाए लीपापोती को लेकर विपक्ष आवाज बुलंद करेगा।

 

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