बिहार विधान परिषद में भाजपा के हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित

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Published By Moazzam Beg
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पटना। बिहार विधान परिषद में मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में गिरती विधि व्यवस्था के साथ ही जहरीली शराब से हो रही मौत को लेकर आज भारी शोरगुल और नारेबाजी की जिसके कारण सदन की कार्यवाही मात्र 17 मिनट बाद ही स्थगित करनी पड़ी। सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के आसन ग्रहण करते ही भाजपा के प्रमोद कुमार ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से राज्य में बद से बदतर होती जा रही विधि व्यवस्था का मामला उठाया। 

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उन्होंने कहा कि हत्या, चोरी एवं बलात्कार की घटनाएं आए दिन हो रही हैं। जनता की सुरक्षा करने में शासन पूरी तरह से विफल है और लोग भयभीत हैं। उन्होंने कहा कि विधि व्यवस्था अराजक स्थिति में है। कुमार ने कहा कि राजधानी पटना में ही व्यवसायियों की हत्या ,बैंक लूट तो आए दिन हो रहे हैं। बिहार क्या देश के इतिहास में पहली बार बेगूसराय में इस वर्ष के 13 सितंबर को राष्ट्रीय उच्च पथ पर 25 किलोमीटर तक अपराधी गोलीबारी करते हुए आगे बढ़ते रहे। 

इसी तरह 18 सितंबर को सिवान में शराब माफियाओं द्वारा पुलिस टीम पर हमला कर दारोगा समेत कई पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इसी तरह से 29 सितंबर को बालू माफियाओं के बीच खूनी संघर्ष में हजारों राउंड गोलीबारी की गई। अपराधियों के हौसले पूरी तरह से बुलंद हो गए हैं और पुलिस एवं प्रशासन का मनोबल पूरी तरह से टूट चुका है। आज ही छपरा में भी जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हुई है। तभी परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की जो स्थिति है उस पर सभी कार्यों को रोकते हुए सदन में इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास ही गृह विभाग की भी जिम्मेवारी है ऐसे में यह समझने वाली बात है कि किस तरह से शराब पर पूरी तरह से पाबंदी के बाद भी राज्य के ग्रामीण और शहरी इलाकों में शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है। आए दिन जहरीली शराब पीने से लोग जान गवां रहे हैं । इसलिए जब तक शराब माफियाओं पर कार्रवाई नहीं होती है तब तक सदन की कार्रवाई भी नहीं चलने दी जाएगी। 

सभापति ने परिषद की कार्य संचालन नियमावली का हवाला देते हुए कार्य स्थगन को अस्वीकृत कर दिया। इसके बाद भाजपा के सदस्य शोरगुल और नारेबाजी करते हुए सदन के बीच में आ गए। भाजपा सदस्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा करो और ताड़ी शराब नहीं नीरा है का नारा लगाते रहे। सभापति के आग्रह के बाद भी सदस्य जब नारेबाजी करते रहे तो उन्होंने कार्यवाही को भोजन अवकाश तक के लिए स्थगित कर दिया। 

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