FIH Women's Nations Cup : भारत को आयरलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में आत्ममुग्धता से बचना होगा 

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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शुक्रवार को भारतीय खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ करना होगा और उसी विजयी लय को जारी रखते हुए फाइनल में स्थान पक्का करना होगा

वालेंशिया। लगातार तीन जीत दर्ज करने के बाद आत्मविश्वास से भरी भारतीय महिला हॉकी टीम शुक्रवार को यहां एफआईएच नेशन्स कप के सेमीफाइनल में निचली रैंकिंग की आयरलैंड के सामने होगी, जिसमें उसकी कोशिश आत्ममुग्धता से बचने की होगी। सविता पूनिया की अगुआई वाली टीम को अभी तक टूर्नामेंट में हार का सामना नहीं करना पड़ा है, उसने पूल बी में चिली (3-1), जापान (2-1) और दक्षिण अफ्रीका (2-0) पर जीत दर्ज कर शीर्ष स्थान हासिल किया।

यानेके शॉपमैन की कोचिंग वाली टीम इस प्रदर्शन के बावजूद पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने के मामले में इतनी प्रभावशाली नहीं दिखी जो अब भी टीम के लिये बड़ी चिंता बनी हुई है। विश्व रैंकिंग के आधार पर आठवें नंबर की भारतीय टीम आयरलैंड (विश्व रैंकिंग में 13वें स्थान पर) के खिलाफ प्रबल दावेदार के तौर पर शुरूआत करेगी लेकिन यूरोपीय टीम को हराना इतना आसान भी नहीं होगा जो पूल ए में दूसरे स्थान पर रही। मिडफील्ड और फॉरवर्ड लाइन में भारतीयों ने प्रभावित किया है जिसमें सलीमा टेटे, सोनिका, नवनीत कौर, नवजोत कौर, वंदना कटारिया और युवा ब्यूटी डुंगडुंग उम्मीदों पर खरा उतर रही हैं। लेकिन रक्षात्मक पंक्ति कई मौकों थोड़ी ढीली दिखी है जिसमें दीप ग्रेस एक्का और गुरजीत कौर दबाव में इतना अच्छा नहीं कर पाई हैं। अनुभवी गोलकीपर सविता कई मौकों पर टीम का बचाव करने में सफल रही हैं। 

शुक्रवार को भारतीय खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ करना होगा और उसी विजयी लय को जारी रखते हुए फाइनल में स्थान पक्का करना होगा। पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की नाकामी भारत की हमेशा की समस्या रही है और टूर्नामेंट में अब तक यह साफ दिखायी दी है।

जापान के खिलाफ दूसरे मैच में भारतीय टीम ने नौ पेनल्टी कॉर्नर हासिल किये लेकिन इसमें से एक का भी फायदा नहीं उठा सकी। पहले दो पूल मैचों में भारत के सभी मैदानी गोल (पांच) रहे लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम के दोनों गोल पेनल्टी कॉर्नर से हुए जो उप कप्तान दीप ग्रेस एक्का और गुरजीत ने दागे। यह कोच के लिये राहत की बात होगी। दूसरे सेमीफाइनल में मेजबान स्पेन का सामना जापान से होगा। आठ टीमों का यह टूर्नामेंट भारत के लिये काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 'प्रोमोशन-रेलीगेशन' की प्रणाली आरंभ करेगा। इसमें चैम्पियन टीम को 2023-24 एफआईएच हॉकी महिला प्रो लीग में 'प्रोमोट'  किया जायेगा जो अगले साल होने वाले एशियाई खेलों तथा 2024 पेरिस ओलंपिक के लिये अहम टूर्नामेंट होगा। 

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