ग्वालियर: कल से राष्ट्रीय तानसेन समारोह, पांच दिनों तक होगी सुर, ताल और राग की बारिश
ग्वालियर। संगीतधानी ग्वालियर की फिजा पांच दिनों तक सुर, ताल और राग की बारिश में सराबोर रहेगी। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव एवं विश्व संगीत समागम ‘राष्ट्रीय तानसेन समारोह’ संगीत की नगरी ग्वालियर में कल से शुरू होकर 23 दिसंबर तक आयोजित होगा।
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विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह में देश और दुनिया के ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक हजीरा स्थित तानसेन समाधि परिसर में चैन्नाकेशव मंदिर बेलूर की थीम पर बने भव्य एवं आकर्षक मंच पर बैठकर संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे। तानसेन समारोह की पारंपरिक शुरूआत कल सुबह 10 बजे तानसेन समाधि पर शहनाई वादन, हरिकथा, मिलाद वाचन, चादरपोशी और कब्बाली गायन के साथ होगी।
समारोह का औपचारिक भव्य शुभारंभ एवं अलंकरण समारोह सायंकाल 7 बजे आयोजित होगा। तानसेन समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम में देश के मूर्धन्य बाँसुरी वादक पं. नित्यानंद हल्दीपुर मुम्बई को वर्ष 2021 के तानसेन अलंकरण से विभूषित किया जाएगा। इस अवसर पर मुम्बई की सामवेद सोसायटी फॉर परफार्मिंग आर्ट संस्था को वर्ष 2021 के राजा मानसिंह तोमर सम्मान से अलंकृत किया जायेगा।
समारोह में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किया गया है। प्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर शुभारंभ एवं अलंकरण समारोह की अध्यक्षता करेंगीं।
समारोह में जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार भारत सिंह कुशवाह, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, विधायक लाखन सिंह यादव, प्रवीण पाठक, सतीश सिकरवार और सुरेश राजे, महापौर डॉ. शोभा सतीश सिकरवार एवं जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गेश कुंवर सिंह जाटव को बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किया गया है।
राज्य शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी द्वारा हर साल जिला प्रशासन और नगर निगम के सहयोग से तानसेन समारोह का आयोजन किया जाता है। गान महर्षि तानसेन की स्मृति में आयोजित होने वाले ‘तानसेन समारोह’ के अपने अलग ही रंग हैं। समारोह के शुभारंभ दिवस को प्रात: काल में तानसेन की समाधि पर सामाजिक समरसता के सजीव दर्शन होते हैं।
इस बार भी 19 दिसम्बर को प्रात: काल 10 बजे पारंपरिक रूप से शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा, मिलाद व कब्बाली गायन के साथ ‘तानसेन समारोह’ का पारंपरिक शुभारंभ होगा। इस अवसर पर मोहम्मद गौस एवं संगीत सम्राट तानसेन की मजार पर पारंपरिक रूप से चादरपोशी भी होगी। इस बार के विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह में कुल 10 संगीत सभाएं होंगी।
पहली सभा 19 दिसंबर की शाम को होगी। इसके बाद हर दिन प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 22 दिसंबर को समानांतर सभा बटेश्वर में भी होगी, जो शास्त्रीय संगीत की रहेगी। 23 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और शाम की अर्थात इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा गूजरी महल के परिसर में सजेगी। अंतिम सभा महिला कलाकारों पर केंद्रित रहेगी।
प्रात:कालीन सभा हर दिन प्रात: 10 बजे और सांध्यकालीन सभा सायंकाल 6 बजे शुरू होंगीं। सभा का शुभारंभ पारंपरिक रूप से शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। इस सभा में तानसेन सम्मान से विभूषित कलाकार पं. नित्यानंद हल्दीपुर मुम्बई बाँसुरी वादन प्रस्तुत करेंगे।
इस सभा में ख्यातिनाम गायक जनाब वासिफुद्दीन डागर दिल्ली का ध्रुपद गायन और देश की सुविख्यात शास्त्रीय गायिका विदुषी अश्विनी भिड़े देशपांडे पुणे का गायन होगा। इस सभा का शुभारंभ ध्रुपद केन्द्र भोपाल और शंकर गंधर्व संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा। सभा में विश्व संगीत के तहत चिली देश के टॉमस कैरास्को गुबनैंटिस, मोआ निकोलस एडमंड्स ग्वेरा एवं अल्फ्रेडो तोस्टो की प्रस्तुति होगी।
इसके बाद दीपिका भिड़े भागवत मुम्बई का गायन, डालचंद शर्मा दिल्ली का पखावज वादन, फड़के देशपाण्डे पुणे का गायन और ब्रजभूषण गोस्वामी दिल्ली के ध्रुपद गायन की प्रस्तुति देंगे। इस सभा का आरंभ भारतीय संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा।
इस सभा में पं. व्यंकटेश कुमार धारवाड़ का गायन, पं. विश्व मोहन भट्ट एवं सलिल भट्ट जयपुर का मोहनवीणा वादन, धानी गुंदेचा भोपाल का ध्रुपद गायन, विश्व संगीत के तहत इजराइल के अवि अदिर एवं एलेक्स ओस्टापेंको की प्रस्तुति एवं सुषमा वाजपेयी कानपुर का गायन होगा। इस सभा के आरंभ में तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर की ध्रुपद प्रस्तुति होगी।
इस सभा में विश्व संगीत के तहत जिम्बाब्वे के ब्लेसिंग चिमंगा के बैंड की प्रस्तुति होगी। इसके बाद पं. सुखदेव चतुर्वेदी मुम्बई का ध्रुपद गायन, श्री अभिषेक बोरकर पुणे का सरोद वादन, श्री आनंद भाटे पुणे का गायन एवं श्री प्रवीण शेवलीकर भोपाल वायोलिन वादन की प्रस्तुति देंगे। इस सभा की शुरूआत ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी।
इसके बाद विदुषी परवीन सुल्ताना मुम्बई का गायन, संतोष संत इंदौर का बाँसुरी वादन, पं. दिनेश शुक्ला इंदौर का तबला वादन, राजेश सेंध मुम्बई का ध्रुपद गायन एवं श्रीराम उमड़ेकर ग्वालियर का सितार वादन होगा। सभा की शुरूआत पारंपरिक रूप से सारदा नाद मंदिर ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इस सभा में विश्व संगीत के तहत यूएसए के विलियम रीस हॉफमैन प्रस्तुति देंगे।
इसके बाद विनोद मिश्रा सतना का गायन, बृजभूषण गोस्वामी दिल्ली का ध्रुपद गायन, उमेश कंपूवाले ग्वालियर का गायन एवं हर्ष नारायण मुम्बई का सारंगी वादन होगा। विवेक नवले इंदौर का तबला वादन, सुश्री साधना गोरे ग्वालियर का गायन व प्रभात कुमार दिल्ली का सरोद वादन होगा। इस सभा का शुभारंभ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के ध्रुपद गायन से होगा।
इस सभा में विश्व संगीत के तहत अर्जेंटीना के देसमाद्रे ऑर्केस्ट्रा की प्रस्तुति होगी। इसके पश्चात अनुजा झोकरकर पुणे का गायन, शशांक सुब्रमण्यम चैन्नई का बांसुरी वादन, पं. जयतीर्थ मेवुण्डी धारवाड़ का गायन और पं. संजू सहाय लंदन (वाराणसी) का तबला वादन होगा। सभा के प्रारंभ में ध्रुपद केन्द्र बेहट का ध्रुपद गायन होगा।
इसके बाद हरविंदर सिंह चंडीगढ का गायन, श्री विनय बिन्दे एवं श्री प्रणय पराड़कर ग्वालियर की तबला जुगलबंदी और श्री आदित्य शर्मा ग्वालियर की ध्रुपद गायन प्रस्तुति होगी। सभा की शुरूआत साधना संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इसके पश्चात शिल्पा मसूरकर इंदौर का गायन, अनुप्रिया देवताले इंदौर का वायोलिन वादन और रीता देव दिल्ली का गायन होगा।
पण्डित बालाभाऊ उमडे़कर ‘कुण्डल गुरू’ कृत राग सुमनमाला भाग प्रथम व द्वितीय का लोकार्पण भी तानसेन समारोह के शुभारंभ अवसर पर किया जायेगा। समारोह के अंतर्गत राजा मान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में दो दिन 20 एवं 21 दिसंबर को वादी संवादी कार्यक्रम होगा।
वादी संवादी के तहत 20 दिसम्बर को अपरान्ह 3 बजे पं. किरण देशपाण्डे भोपाल द्वारा साहित्य और संगीत सर्जना-सोदाहरण व्याख्यान दिया जायेगा। इसी तरह 21 दिसम्बर को अपरान्ह 3 बजे सुश्री शाश्वती मंडल दिल्ली द्वारा रियाज एवं मंच प्रदर्शन-सोदाहरण व्याख्यान देंगीं। तानसेन समारोह स्थल पर 20 से 23 दिसम्बर तक संगीत सभाओं के समय गीत गोविंद पर एकाग्र रागमाला प्रदर्शनी लगी रहेगी।
उधर पड़ाव स्थित कला वीथिका में भी इन्हीं तिथियों में ललित कला प्रदर्शनी ‘रंग संभावना’ का आयोजन किया जाएगा। यह प्रदर्शनी कला प्रेमियों को अपनी कला के साक्षात्कार करने का माध्यम बनेगी।
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