चित्रकूट: एक बर्तन और शॉल के साथ जंगल में किशोरी कर रही थी पूजा, पुलिस समझाकर लाई वापस

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Published By Deepak Mishra
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अमृत विचार, चित्रकूट। जंगल में पूजा कर रही एक चौदह वर्षीया बालिका को रविवार को पुलिस समझा बुझाकर वापस ले आई। बीहड़ में बच्ची के पास सिर्फ पानी पीने के लिए एक बर्तन और ओढ़ने के लिए एक शाल ही मिला। बालिका की निडरता देखकर लोग हतप्रभ रह गए। बालिका को पुलिस ने वन स्टाप सेंटर के सुपुर्द कर उसके परिजनों को सूचित कर दिया है। 

शनिवार को बहिलपुरवा थाने में आसपास के ग्रामीणों ने सूचना दी थी कि गेरुआ वस्त्र पहने एक बालिका लखनपुर से सटे बीहड़ी जंगल में रामनगर पहाड़ पर तप कर रही है। जंगल में असुरक्षित स्थान पर अकेली बालिका के होने की बात पता चलने पर पुलिस सक्रिय हो गई। रविवार को बहिलपुरवा एसओ गांववालों के बताए स्थान पर पहुंचे।

बालिका से पूछतांछ करने पर उसने अपना नाम सिद्धि शर्मा बताया कि वह पन्ना (मप्र) निवासी पिता शालिगनाथ व मां रतन की पुत्री है। बालिका ने बताया कि वह जून 2021 में घर से प्रयागराज अखाड़ा पुरी शंकराचार्य के महिला आश्रम अरैल नैनी पहुंच गई थी। वहां से मई 2022 में चित्रकूट पहुंची। रामघाट, हनुमानधारा, सती अनुसुइया आदि तीर्थ स्थानों में पूजापाठ करने के बाद वह इस पर्वत पर तपस्या करने लगी।

मौके से पानी पीने का बर्तन और एक शाल ही मिला। बच्ची की तपस्या देखकर पुलिसकर्मी और ग्रामीण आश्चर्यचकित रह गए। प्रभारी निरीक्षक ने बालिका को समझाया और वहां से लाकर वन स्टाप सेंटर के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद बच्ची के बताए मोबाइल नंबर पर पुलिस ने परिजनों को सूचना दी। प्रभारी महिला आश्रम प्रयागराज से भी पुलिस ने संपर्क किया तो पता चला कि नैनी थाने में बालिका की गुमशुदगी दर्ज है। एसओ ने बताया कि आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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