देहरादून: स्वास्थ्य क्षेत्र में 10 हजार लोगों को नौकरी देगी सरकार

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Published By Babita Patwal
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देहरादून, अमृत विचार। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मुख्य सेवक सदन में शुक्रवार को आयोजित उत्तराखंड स्वास्थ्य रोजगार सृजन कार्यक्रम में कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। राज्य सरकार मार्च 2023 तक हेल्थ सेक्टर में 10 हजार लोगों को नौकरी देगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस योजना में नर्सिंग स्टाफ के 2900 पदों, एएनएम के 850 पदों, मेडिकल कॉलेजों में 339 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों, एमबीबीएस के 376 पदों, एनएचएम के अंतर्गत 1600 लोगों की भर्ती के साथ ही विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में रिक्त 2000 से अधिक तकनीशियनों के पदों पर भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 1800 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर हैं, जिनमें 1200 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी तैनात हैं जबकि शुक्रवार को 604 सीएचओ को नवीन तैनाती दी गई है।

इसके साथ ही भारत सरकार के मानकों के अनुरूप राज्य के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर सीएचओ की शत प्रतिशत तैनाती कर दी गई है। सभी सीएचओ वेलनेस सेंटरों में स्थानीय लोगों का चिकित्सा परीक्षण करेंगे। साथ ही गांव-गांव जाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करेंगे। उन्होंने नव नियुक्त सीएचओ को गांवों में जाकर स्वास्थ्य चौपाल लगाकर आम जनता का स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही वेलनेस सेंटर पर आने वाले लोगों को योग के प्रति जागरूक किये जाने की बात भी कही।

इस अवसर मेयर सुनील उनियाल गामा, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार, एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेम चन्द्र, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।

दो साल में बनाएंगे टीबी मुक्त उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2024 तक राज्य को टीबी मुक्त बनाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगभग 19 लाख व्यक्ति हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों में जांच हेतु आए और करीब 7 लाख लोगों की मुफ्त जांचें की गई हैं। 5 लाख लोगों को टेली कंसल्टेशन सुविधा के माध्यम से स्वास्थ्य परामर्श प्रदान किया गया है। राज्य सरकार द्वारा जन आरोग्य अभियान- एक कदम स्वस्थ जीवन की ओर का भी संचालन किया गया, जिसकी भारत सरकार द्वारा भी प्रशंसा की गई।

अभियान के अन्तर्गत कार्यरत सीएचओ द्वारा लगभग 3.50 लाख व्यक्तियों का पंजीकरण किया गया, जिनकी उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मुख व स्तन कैंसर, नेत्र जांच की गयी। साथ ही टीबी रोग से ग्रसित लोगों का उपचार भी किया गया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव नियुक्त सीएचओ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में आम लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपनी सेवाओं का सफल निष्पादन करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रही है। 'होम स्टे' इस क्षेत्र एक बड़ा उदाहरण है। 

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