मुरादाबाद : नये आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का निर्माण लटका, नौनिहालों को भुगतना पड़ा रहा खामियाजा

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Published By Bhawna
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अलविदा 2022 : अधिकारियों की सुस्ती से अब तक पूरे नहीं हो सके भवन

मुरादाबाद,अमृत विचार। सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल की तर्ज पर विकसित करने के भले ही दावे कर रही है। लेकिन, अधिकारियों की सुस्ती से दावे हवाई साबित हो रहे हैं। इसका खामियाजा नौनिहालों को भुगतना पड़ा रहा है। दो साल में भी आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन पूरे नहीं हो पाए।जिले में 2,770 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। शहरी क्षेत्र में 642 और ग्रामीण क्षेत्र में 68 केंद्र किराये के भवनों में चल रहे हैं।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर 2,56, 064 लाभार्थी पंजीकृत है। जिन्हें पुष्टाहार से लाभांवित किया जा रहा है। 2021 अप्रैल में बिलारी ब्लॉक में 10 नये आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को शासन ने मंजूरी दी थी। जो इस साल मार्च तक पूरा होने थे, लेकिन अधिकारियों की सुस्ती की भेंट चढ़ गए। वर्तमान में आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कार्य 60 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है।

तीन विभागों के समायोजन से चल रहा निर्माण
आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य तीन विभागों के समायोजन से पूरा होना है। इसमें आईसीडीएस द्वारा दो लाख रुपए, मनरेगा से पांच लाख और शौचालय के लिए पंचायत राज विभाग से 1.6 लाख रुपए दिए जाने हैं।

संकरे व संसाधनहीन केंद्र में मजबूरी में पढ़ाई 
वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्था काफी खराब है। शहर में ही संकरे व संसाधनहीन कमरों में केंद्रों का संचालन हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो कई भवन जर्जर हालत है। यहां न तो बच्चों के बैठने के लिए मानकों के अनुसार जगह है और न ही शौचालय।

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