ICICI ऋण धोखाधड़ीः चंदा कोचर, पति समेत वीडियोकॉन के वेणुगोपाल 28 दिसंबर तक CBI हिरासत में

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Published By Om Parkash chaubey
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मुंबई। मुंबई की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने सोमवार को वीडियोकॉन ऋण मामले में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को 28 दिसंबर तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया।

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वीडियोकॉन समूह के संस्थापक धूत ऋण धोखाधड़ी मामले में 28 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे। वहीं कोचर दंपति को शुक्रवार शाम को सीबीआई ने नयी दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था और शनिवार को मुंबई में विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया, जहां से दोनों को सोमवार तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया था।

इस संबंध में लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने आज सुबह धूत को गिरफ्तार कर लिया। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ए. लिमोसिन सभी आरोपियों को आमने-सामने पूछताछ करने के लिए तीन दिन की हिरासत की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और विशेष अदालत के न्यायाधीश ए.एस. सैय्यद ने तीनों को 28 दिसंबर तक सीबीआई हिरासत में भेज दिया।

उल्लेखनीय है कि चंदा पर वीडियोकॉन ग्रुप को 2012 में दिए गए 3,250 करोड़ रुपये के ऋण मामले में धोखाधड़ी और अनियमितता का आरोप लगाया गया था। यह राशि आईसीआईसीआई बैंक के लिए एक गैर-निष्पादित संपत्ति बन गयी थी। एक व्हिसलब्लोअर ने शिकायत में आरोप लगाया कि चंदा कोचर के पति और उनके परिवार के सदस्यों को सौदे से फायदा हुआ।

आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक में मामलों की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप ऑफ कंपनीज के लिए कर्ज मंजूर की थी। बदले में, उनके पति की कंपनी नू रिन्यूएबल ने कथित तौर पर वीडियोकॉन से निवेश प्राप्त किया था। यह ऋण बाद में एनपीए में बदल गया और इसे बैंक धोखाधड़ी करार दिया गया।

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