Brazil Football Legend Pele Death : जब कोलकाता पर चला था ‘ब्लैक पर्ल’ पेले का जादू ...एक झलक पाने को आधी रात जुटी थी हजारों फैंस की भीड़
कोलकाता। ऋषिकेश मुखर्जी की क्लासिक कॉमेडी 'गोलमाल' में उत्पल दत्त इंटरव्यू में अमोल पालेकर से 'ब्लैक पर्ल' पेले के बारे में पूछते हैं तो उनका जवाब होता है कि सुना है कलकत्ता (कोलकाता) में करीब 30- 40 हजार फैंस उनके दर्शन करने आधी रात को दमदम हवाई अड्डे पहुंच गए थे। यह एक बानगी थी फुटबॉल के जादूगर पेले को लेकर फुटबॉलप्रेमियों की दीवानगी की। बात 1977 की है जब पेले पहली बार कोलकाता आए थे और पूरा शहर उनके रंग में रंग गया था।
डिएगो माराडोना के 'खुदा के हाथ' और लियोनेल मेस्सी की विश्व कप जीतने की अधूरी ख्वाहिश पूरी होने से बरसों पहले ब्राजील के इस धुरंधर ने बंगाल को इस खूबसूरत खेल का दीवाना बना रखा था। खचाखच भरे ईडन गार्डंस पर 24 सितंबर 1977 को न्यूयॉर्क कोस्मोस के लिए मोहन बागान के खिलाफ खेलने वाले तीन बार के विश्व कप विजेता पेले क्लब के खिलाड़ियों के हुनर के कायल हो गए थे। ईस्ट बंगाल के बढते दबदबे से चिंतित मोहन बागान ने फुटबॉल के इस किंग को गोल नहीं करने दिया और लगभग 2 . 1 से मैच जीत ही लिया था लेकिन विवादित पेनल्टी के कारण स्कोर 2 . 2 से बराबर हो गया।
A rare photo from 1977, when Pele came to Kolkata with his club New York Cosmos to play a friendly game against Mohun Bagan in front of 80,000 people at Eden Gardens! ❤️
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The match ended in a 2-2 draw that day! ⚽#IndianFootball #Trivia #Pele #IFTWC pic.twitter.com/KtLS23yRzK
कोच पी के बनर्जी ने गौतम सरकार को पेले को रोके रखने का जिम्मा सौंपा था और अपने टड्रीम मैचट में सरकार ने कोई कसर नहीं रख छोड़ी। मोहन बागान ने शाम को पेले का सम्मान समारोह रखा जहां उन्हें हीरे की अंगूठी दी जानी थी लेकिन टब्लैक पर्लट की रूचि खिलाड़ियों से मिलने में ज्यादा थी । गोलकीपर शिवाजी बनर्जी सबसे पहले उनसे मिले । जब छठे खिलाड़ी के नाम की घोषणा हुई तो कई लोगों से घिरे पेले बैरीकेड के बाहर आये और उस खिलाड़ी को गले लगा लिया । सरकार ने 45 बरस बाद भी उन यादों को ताजा रखा है।
उन्होंने कहा, तुम 14 नंबर की जर्सी वाले हो जिसने मुझे गोल नहीं करने दिया। मैं स्तब्ध रह गया। उन्होंने कहा, चुन्नीदा (चुन्नी गोस्वामी) भी मेरे पास खड़े थे जिन्होंने यह सुना । उन्होंने मुझसे कहा कि गौतम अब फुटबॉल खेलना छोड़ दो । अब यह तारीफ सुनने के बाद क्या हासिल करना बचा है। यह मेरे कैरियर की सबसे बड़ी उपलब्धि थी । वाकई । यह मैच कोलकाता मैदान के मशहूर फुटबॉल प्रशासक धिरेन डे के प्रयासों का नतीजा था जो उस समय मोहन बागान के महासचिव थे । सरकार ने कहा, मैं विश्वास ही नहीं कर पाया जब धिरेन दा ने हमसे कहा कि पेले हमारे खिलाफ खेलेंगे । हमने कहा कि झूठ मत बोलो लेकिन बाद में पता चला कि यह सही में होने जा रहा है। हमारी रातों की नींद ही उड़ गई। तीन हफ्ते पहले ही से तैयारियां शुरू हो गई थी । उस मैच में पहला गोल करने वाले श्याम थापा ने कहा, पेले के खिलाफ खेलने के लिए ही मैं ईस्ट बंगाल से मोहन बागान में आया। इस मैच ने हमारे क्लब की तकदीर बदल दी।
𝐀 𝐡𝐮𝐠𝐞 𝐥𝐨𝐬𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐅𝐨𝐨𝐭𝐛𝐚𝐥𝐥 💐⚽
— IFTWC - Indian Football (@IFTWC) December 29, 2022
May your soul rest in peace, Pele! 🙏Condolences to you and your family! 💔 pic.twitter.com/Rr4bbMxtLn
मोहन बागान ने इस मैच के चार दिन बाद आईएफए शील्ड फाइनल में ईस्ट बंगाल को हराया। इसके बाद रोवर्स कप और डूरंड कप भी जीता। सात साल पहले पेले दुर्गापूजा के दौरान फिर बंगाल आये लेकिन इस बार उनके हाथ में छड़ी थी । बढती उम्र के बावजूद उनकी दीवानगी जस की तस थी और उनके मुरीदों में 'प्रिंस आफ कोलकाता' सौरव गांगुली भी शामिल थे । गांगुली ने नेताजी इंडोर स्टेडियम पर पेले के स्वागत समारोह में कहा था, मैंने तीन विश्व कप खेले हैं और विजेता तथा उपविजेता होने में काफी फर्क होता है । तीन विश्व कप और गोल्डन बूट जीतना बहुत बड़ी बात है। पेले ने कहा था, मैंने भारत आने का न्योता स्वीकार किया क्योंकि मुझे यहां के लोग बहुत पसंद है। उन्होंने जाते हुए यह भी कहा था,अगर मैं किसी तरह से मदद कर सकूं तो फिर आऊंगा।
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