Goodbye 2022 : रामपुर की राजनीति में आए कई उतार-चढ़ाव, इतिहास में लिखी गई नई इबारत
पूर्व मंत्री आजम के राजनीतिक कॅरियर पर आकाश ने लगाया ग्रहण, पूर्व मंत्री नवेद मियां के बेटे हमजा मियां ने भी किया राजनीति में पदार्पण, अब्दुल्ला के राजनीतिक कॅरियर पर लगाई जा रहीं अटकलें
रामपुर,अमृत विचार। वर्ष 2022 में रामपुर की राजनीति में कई उतार-चढ़ाव आए और इतिहास में नई इबारत लिखी गई। पूर्व मंत्री आजम खां के राजनीतिक कॅरियर पर भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने ग्रहण लगा दिया। पूर्व मंत्री नवेद मियां के बेटे हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां ने राजनीति में अपना दल एस से राजनीति में पदापर्ण किया हालांकि, वह विधानसभा चुनाव जीत नहीं सके लेकिन, अच्छे वोट मिले। इसके अलावा अब्दुल्ला आजम के राजनैतिक कॅरियर पर भी अटकलें लगती रहीं। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने दो टूक कहा कि स्वार-टांडा में शीघ्र ही उप चुनाव होगा।
पूर्व मंत्री आजम खां ने वर्ष 1974 से अपना राजनीति कॅरियर शुरू किया पहला विधान सभा चुनाव वह कांग्रेस के मंजूर अली खां उर्फ शन्नू खां वर्ष 1977 में हार गए। इसके बाद उन्होंने जनता पार्टी एस से वर्ष 1980 में विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस के मंजूर अली खां उर्फ शन्नू खां को हरा दिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अलबत्ता, वर्ष 1996 में कांग्रेस के अफरोज अली खां ने उन्हें शिकस्त दी। इसके बाद वर्ष 2002 में आजम खां ने अफरोज अली खां को हरा दिया।
वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा और फिल्म अभिनेत्री एवं पूर्व सांसद जयाप्रदा को हरा दिया। इसके बाद विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया और अपनी पत्नी डा. तजीन फातिमा को शहर से विधानसभा चुनाव जिताकर विधानसभा भेज दिया। इसके बाद आजम खां कई मामलों में 26 फरवरी 2020 को जेल चले गए। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने उन्हें रातों-रात सीतापुर जेल भेज दिया। वर्ष 2022 का सामान्य चुनाव सीतापुर जेल से लड़ा और भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना को हरा दिया। इसके बाद लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद जून 2022 में लोकसभा उप चुनाव हुआ और आजम खां ने सपा के शहराध्यक्ष आसिम राजा को लोकसभा का टिकट दिया लेकिन, भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी ने आसिम राजा को हरा दिया और संसद पहुंच गए।
27 अक्टूबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई सजा
27 अक्टूबर 2022 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खां को भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा और छह हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुना दी। 28 अक्टूबर को विधानसभा अध्यक्ष ने आजम खां की विधायकी रद कर दी और चुनाव आयोग ने आनन-फानन में उप चुनाव की घोषणा कर दी। आजम खां ने उप चुनाव टलवाने के लिए कोर्ट में भी दस्तक दी लेकिन, मामला नहीं बना। तय तारीखों पर चुनाव हुआ और विधानसभा उप चुनाव में भी आजम खां ने सपा के शहराध्यक्ष आसिम राजा को विधानसभा उप चुनाव का टिकट दे दिया। जिससे पार्टी में विद्रोह हो गया और आजम के कई खासमखास पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में शामिल होने वाले आजम खां के खास लोगों ने मीडिया में बयान दे दिया कि अब अब्दुल दरी नहीं बिछाएगा। पलटवार करते हुए आजम खां ने कहा कि अब्दुल अब दरी नहीं पहुंचा लगाएगा बल्कि पोछा लगाएगा।
हमजा मियां ने रखा राजनीति में कदम
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के पुत्र नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां ने स्वार-टांडा से राजनीति में कदम रखा और पूर्व मंत्री आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम के खिलाफ अपना दल एस के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन, चुनाव हार गए।
सितारा बनकर चमके आकाश सक्सेना
विधानसभा उप चुनाव में सपा के आसिम राजा को भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर 34136 वोटों से सपा प्रत्याशी को शिकस्त दे दी। आजादी के बाद भाजपा पहली बार शहर सीट से चुनाव जीती है क्योंकि, रामपुर में 60 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है।
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