भूमि न मिलने से गो-अभयारण्य योजना ठंडे बस्ते में
निराश्रित गोवंशों के बनना है 25 एकड़ में केंद्र, तीन हजार गोवंशों को मिल सकता ठिकाना
लखनऊ। जिले में गो-अभयारण्य के लिए जगह नहीं है। इस कारण यह पशुपालन विभाग की योजना ठंडे बस्ते में है, जबकि कई बार केंद्र के लिए भूमि न मिलने पर राजस्व विभाग से मांग की गई है। गो-अभयारण्य केंद्र बनाने की पशुपालन विभाग की योजना अधर में है। जहां, निराश्रित गोवंश भयमुक्त होकर खुले में रहेंगे और पेड़, घास व हरा चारा खाकर भरण-पोषण करेंगे। गोवंशों को पेड़ों की छाव मिलेगी। साथ ही टीनशेड बनवाए जाएंगे।
गो-अभयारण्य केंद्र 50 एकड़ में बनना तय हुआ था, जिसके लिए जनपद में भूमि नहीं मिली। काफी प्रयास के बाद भूमि नहीं मिली तो 25 एकड़ में गो-अभयारण्य बनना तय हुआ। लेकिन, 25 एकड़ भी जमीन में विभाग को भूमि नहीं मिली। इसके लिए सभी तहसील के एसडीएम को पत्राचार कर भूमि मांगी गई जो उपलब्ध नहीं करा सके हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि 25 एकड़ में केंद्र बनाएंगे। जहां करीब तीन हजार गाेवंश रह सकेंगे। भूमि की तलाश कर रहे हैं।
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