बरेली: अनुसूचित जाति बाहुल्य 66 राजस्व गांवों की संवरेगी सूरत

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Published By Vishal Singh
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20 लाख रुपये प्रत्येक गांव पर खर्च होंगे, विकास कार्य कराकर इन गांवों को बनाया जाएगा रोल मॉडल

बरेली, अमृत विचार। जिले के 66 अनुसूचित जाति बाहुल्य राजस्व गांवों को आदर्श (मॉडल) बनाने की योजना लंबे समय बाद आखिरकार धरातल पर उतर गई है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम के लिए चयनित इन गांवों में पेयजल, शौचालय, नाली, सोलर लाइटें समेत अन्य विकास कार्य कराए जाएंगे। साथ ही प्रत्येक परिवार को केंद्र और प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। जिनके पास आवास नहीं है, उन्हें आवास दिलाए जाएंगे। आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन, पेंशन आदि सभी प्रकार के सरकारी लाभ दिया जाना योजना में प्रस्तावित है। विकास होने के बाद ये गांव मॉडल घोषित कर दिए जाएंगे।

विभाग के अनुसार योजना के तहत जनपद के जिन राजस्व गांवों में 50 फीसदी या इससे अधिक अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं, उन गांवों को मॉडल गांव बनाया जाएगा। अफसरों का कहना है कि पीएम आदर्श ग्राम योजना के तहत प्रत्येक गांव के लिए शासन ने 20 लाख रुपये बजट को मंजूरी दी है। योजना के तहत प्रत्येक गांव में ग्राम स्तरीय अभिश्रण समिति का भी गठन किया जा चुका है, जिनकी निगरानी में गांव का विकास कराया जाएगा। यह समिति गांव में प्रत्येक परिवार का सर्वे करेगी। एक फार्म भरा जाएगा, जिसमें परिवार के सभी सदस्यों का ब्यौरा लिखा जाएगा। सर्वे के बाद जिन परिवार व व्यक्तियों को जो भी योजना का लाभ नहीं मिला रहा होगा, वह दिलाया जाएगा।

सर्वे हो चुका है शुरू
योजना में चयनित राजस्व गांवों का सर्वे चल रहा है। यह जो भी निर्माण कार्य कराए होंगे, उसको कार्यदायी संस्था यूपी सिडको द्वारा कराया जाना प्रस्तावित है। नवाबगंज क्षेत्र में कुछ गांवों में इस दिशा में काम शुरू हो गया है।

विकासखंड वार चयनित गांव
विकास खंड बहेड़ी के 12, दमखोदा के 7, शेरगढ़ के 2, आलमपुर जाफराबाद के 3, रामनगर के 4, भोजीपुरा के 3, फतेहगंज पश्चिमी के 2,भदपुरा के 2, बिथरी चैनपुर के 4, मीरगंज के 3, भुता के 10, फरीदपुर के 8 और नवाबगंज के 6 राजस्व गांव शामिल हैं।

अनुसूचित जाति बाहुल्य वाले 66 राजस्व गांवों को पीएम आदर्श योजना में चयनित किया गया है। इन गांवों का चहुमुंखी विकास कराने के साथ ही प्रत्येक परिवार को केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही समस्त योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर से प्रत्येक गांव के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये बजट की मंजूरी भी मिल गई है-मनोज यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास)।

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