बहराइच: ढोलक की थाप पर थिरकते हुए पंजाबी गीतों संग रही लोहड़ी की धूम 

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Published By Jagat Mishra
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बहराइच, अमृत विचार। लोहड़ी त्योहार की शुक्रवार रात धूम रही। पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ सिख समुदाय ने ढोलक की थाप पर थिरकते हुए एक दूसरे को लोहड़ी की बधाइयां देकर त्यौहार मनाया। मूंगफली तिल का प्रसाद भी वितरित किया गया। नए वैवाहिक जोड़े की पहली लोहड़ी शुक्रवार को यादगार बन गयी।

नगर में लोहड़ी पर्व के अवसर पर सिख समाज के लोगों ने गजक, रेवड़ी, पॉपकॉर्न, गुड़,  मूंगफली की जमकर खरीदारी की रात होते ही घरों में लोहड़ी जलाई गई। ढोलक की थाप पर पंजाबी समुदाय के लोग पंजाबी गीतों संग एक दूसरे को लोहड़ी की बधाई देते हुए थिरकते दिखे। इस अवसर पर जिन घरों में बच्चे के जन्म की पहली लोहड़ी और नए वैवाहिक जोड़े की पहली लोहड़ी थी वहां की रौनक अलग ही नजर आई। परंपरागत तरीके से हर्षोल्लास का माहौल दिखा। 

नरूला परिवार में बेटे गुनदीप नरूला और बहू मुनीत कौर की लोहड़ी धूमधाम से मनाई गई। वहीँ तजिंदर कौर की पौत्री बन्दगी की पहली लोहड़ी होने के चलते घर में खुशी का अलग ही माहौल नजर आया। बन्दगी के पिता सिमरन और मुस्कान ने अपनी बेटी की लोहड़ी पर अपने परिवार के और समाज के लोगों के साथ ढोल पर जमकर भांगड़ा किया। मूंगफली, रेवड़ी, गुड, लावा का प्रसाद भी लोगों में वितरण किया गया। इस अवसर पर मंदीप सिंह वालिया,भूपेंद्र सिंह वालिया, जगजीत सिंह, देवेन्द्र सिंह बेदी, इकबाल सिंह, मानू, नीलू कौर, बलजीत कौर, गुरजीत कौर, सिमरन कौर, डिम्पल नरूला, हरजीत कौर, कुलदीप सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे। उधर मटेरा, मिहींपुरवा, नानपारा, जरवल, महसी  क्षेत्रों में भी सिख समुदाय के लोगों ने परंपरागत तरीके से लोहड़ी त्योहार पर नई फसल को अग्नि देव को समर्पित किया। ऐसी मान्यता है कि लोहड़ी के पर्व के माध्यम से नई फसल का भोग सभी देवताओं तक पहुंच जाता है। 

बता दें कि लोहड़ी की आग में तिल, गुड़, गेहूं की बालियां, रेवड़ी डालकर फसल की अच्छी उपज के लिए सूर्य और अग्निदेव को धन्यवाद भी दिया जाता है। साथ ही इस दिन गुड़, तिल और मूंगफली से बनी चीजों का सेवन करना भी शुभ माना जाता है।

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