Kanpur में फिल्म कलाकार अतुल तिवारी ने कहा- कोरोना की वेव ने बढ़ा दी ओटीटी प्लेटफार्म की भूमिका
कानपुर में फिल्म कलाकर अतुल तिवारी ने अमृत विचार से बात की।
कानपुर में फिल्म कलाकर अतुल तिवारी ने अमृत विचार को दिये साक्षात्कार में कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि कोरोना की वेव ने ओटीटी प्लेटफार्म की भूमिका बढ़ा दी।
कानपुर, अमृत विचार। आप सिनेमा हॉल में परिवार के साथ फिल्म देखने जायें तो टिकट से ज्यादा वहां पॉपकॉर्न खाने का खर्चा आ जाता है। कोरोना की वेव ने ओटीटी प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया है। वेब सीरीज ने ही कठिन समय में कलाकारों को जीने का रास्ता दिखाया। आज घर पर पत्नी से चाय और नाश्ता बनवाकर पूरा परिवार एक साथ फिल्मों को देखता है।
यह कहना है, लेखक और फिल्म कलाकार अतुल तिवारी का। फिल्म थ्री इडियट्स, वेब सीरीज महारानी और रामसेतू में अपने अभिनय से लोगों को प्रभावित करने वाले अतुल ने अमृत विचार के संवाददाता अभिषेक वर्मा से खास बातचीत की और अपने लंबे अनुभव को साझा किया।
थिएटर और फिल्मों के प्रति रुझान कैसे हुआ?
ऐसे इत्तेफाक बने की मैं नौ साल की उम्र में रेडियो के नाटकों से जुड़ गया था, जब 12 साल के हुये तो थिएटर से जुड़ गया। हाईस्कूल पास किया तो मैनें तय किया था कि मुझे राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में दाखिला लेना है। अचानक कुछ नहीं हुआ, मैने पहले ही मन बना रखा था कि मुझे इसी ओर जाना है। कहते हैं कि अगर पैशन को प्रोफेशन बना लो तो जीवन आसान हो जाता है। मैं अपने आपको काफी भाग्यशाली मानता हूं।
फिल्मों में राजनीतिक भूमिका में ही क्यों दिखते हैं?
ऐसा नहीं है, मैनें कई और तरीके के भी किरदार निभाए हैं। रामसेतू में मैने चीफ जस्टिस की भूमिका निभाई। लेकिन यह बात सच है कि मेरे पास ज्यादातर राजनीति से जुड़े रोल चले आते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि डॉयरेक्टर मेरी कद-काठी और सफेद बालों को देखकर ऐसा ही रोल ऑफर करते हैं। लुक टेस्ट के साथ मेरी भाषा भी मुझे इसओर खींचती है। लखनऊ का होने की वजह से मेरी भाषा में हिंदी-उर्दू शामिल है इसलिये मैं हिंदुस्तानी बोलता हूं। यह वहीं भाषा है जिसे महात्मा गांधी हमारे देश की राष्ट्रभाषा बनाना चाहते थे। यह भी बहुत वजह है।
महारानी में आपका करेक्टर किसी राज्यपाल से प्रेरित था?
हां बिलकुल, एक राज्यपाल से ही पूरा किरदार रचा गया। वैसी वेशभूषा को ही मैने धारण किया। लेकिन मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं। क्योकि जब कोई चरित्र बनाया जाता है तो उसमें कई किरदारों को समाहित किया जाता है। उन्होंने कहा कि कई बार लोग पूछते हैं कि राज्यपाल तो संवैधानिक पद होता है, उसको कैसे करप्ट दिखाया जा सकता है। तो हमने कहा कि राज्यपाल हममें से ही निकला व्यक्ति होता है। तो जब कोई एक ही व्यक्ति मुख्यमंत्री रहते हुये भ्रष्ट हो सकता है तो क्या वह आगे चलकर अगर राज्यपाल बन जाये तो वह भ्रष्ट नहीं हो सकता। ऐसा कोई पारस का पत्थर नहीं आया है जिसको छूने से लोहा पत्थर बन जायेगा।
अब अतुल तिवारी हमें किस फिल्म में दिखेंगे?
मेरी एक नई फिल्म लव इज ब्लाइंड आ रही है। जिसमें स्टार अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी हमारे साथ हैं। यह फिल्म प्यार के ऊपर नहीं बनी है। यह एक ब्लाइंड स्कूल की कहानी है। जो थियेटर के साथ ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देखी जा सकेगी। इसकी शूटिंग उत्तराखंड में हुई है। अतुल तिवारी बताया कि इसके साथ ही महारानी का अगला पार्ट भी लोगों की बीच जल्द आयेगा। इसके दस नये एपिसोड को लेखन चल रहा है। जो दर्शकों को रोमांचित करेगी।
