फर्रुखाबाद: दरोगा और रिटायर्ड एसओ कोर्ट में दोषी करार, होगी सजा  

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Published By Jagat Mishra
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लूट के साथ जीडी में छेड़छाड़ का दोषी पाया गया

फर्रुखाबाद, अमृत विचार। विशेष अदालत एंटी डकैती के न्यायाधीश कृष्ण कुमार ने गाजियाबाद के थाना खोड़ा में तैनात दरोगा और सेवानिवृत्त हो चुके मेरापुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष को लूट व जीडी में छोड़छाड़ करने के मुकदमे में दोषी करार दिया है। दोनों को अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया है। 23 जनवरी को दोनों को सजा सुनाई जाएगी। 

मेरापुर थाना क्षेत्र के नौली गांव निवासी बृजराज सिंह ने कन्नौज जिले के निजामपुर निवासी दरोगा रामखिलावन और औरैया जिले के थाना अजीतमल के पैगंबरपुर निवासी अरविंद कुमार के खिलाफ वर्ष 2006 में कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया था। उस समय रामखिलावन मेरापुर में थानाध्यक्ष के पद पर तैनात थे और अरविंद कुमार हेड कांस्टेबल था। पीड़ित ने मुकदमे में कहा था कि सिविल कोर्ट में जमीन को लेकर चरन सिंह से उसका मुकदमा चल रहा था। थानाध्यक्ष रामखिलावन, चरन सिंह के पक्ष में समझौता करने के लिए दबाव बनाते थे। 

पांच अगस्त 2006 को दिन में 11 बजे थानाध्यक्ष ने थाने बुलाया और चरन सिंह से जमीन के मुकदमे में समझौता करने का दबाव बनाया। इंकार करने पर थानाध्यक्ष ने गालीगलौज की और शर्ट की जेब से 1140 रुपये निकाल लिया। 11 सितंबर को भाई विजय के साथ लोनशुदा ट्रैक्टर की किस्त जमा करने 50 हजार रुपये लेकर फतेहगढ़ जा रहे थे। सराय अगहत के पास थानाध्यक्ष मिले तो रोक लिया। वह पकड़कर सरकारी आवास में ले गए। वहां मारपीट कर उससे 50 हजार रुपये लूट लिया। इसके बाद हवालात में बंद कर दिया और 87 पुड़िया स्मैक और 3500 रुपये की बरामदी दिखाकर चालान कर दिया। 

बरामदगी दिखाने को जीडी में खेल
पीड़ित बृजराज सिंह की मां ने थाने पहुंचकर 50 हजार रुपये लूटने का आरोप लगाया और एसपी से शिकायत करने की बात कही तो एसओ ने 3500 के स्थान पर 23,000 रुपये की बरामदगी दिखाई। हेड कांस्टेबल अरविंद कुमार ने जीडी पर भी कटिंग कर 3500 के स्थान पर 23,000 अंकित कर दिया। मालखाना प्रभारी इंद्रपाल ने रजिस्टर पर कटिंग करने से थानाध्यक्ष को रोका तो दूसरे दिन थानाध्यक्ष ने रजिस्टर छीनकर उसमें भी 3500 रुपये की बरामदगी काटकर 23,000 की बरामदगी दर्ज कर दी। एसओ ने 27 हजार रुपये नहीं दिखाए। 

23 को सुनाई जाएगी सजा
मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान से जीडी और मालखाना रजिस्टर में कटिंग करने, गलत तरीके से गिरफ्तारी दिखाने और रुपये लूटने का मामला खुलकर सामने आ गया। अभियोजन पक्ष से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता केके पांडेय, संजीव कुमार, भानु प्रकाश ने दलीलें पेश की। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने सेवानिवृत्त थानाध्यक्ष रामखिलावन को लूट, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और गाजियाबाद के थाना खोड़ा में तैनात दरोगा अरविंद कुमार को कूटरचित दस्तावेज तैयार करने में दोषी करार दिया है। दोनों को जेल भेज दिया गया है। 23 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी।

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