प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना : मछली पकड़ने वाली नाव है तो नहीं मिलेगा गैस सिलेंडर, पात्रों को भरना होगा सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म

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Published By Anjali Singh
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पुनीत श्रीवास्तव/अयोध्या, अमृत विचार : जिले में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तीसरे चरण की पात्रता प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस बार पात्रों को उज्ज्वला सिलेंडर प्राप्त करने के लिए 12 सवालों का सामना करना पड़ेगा। इसमें एक सवाल यह भी है कि अगर पात्र के पास मछली पकड़ने वाली नाव है तो उसे उज्ज्वला कनेक्शन नहीं मिलेगा। पात्रों को ऐसे ही कई सवालों का सामना करना पड़ेगा। सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा। जिला उज्ज्वला कमेटी द्वारा सत्यापन किया जाएगा। उसके बाद ही कनेक्शन जारी होगा। यह नया नियम उन परिवारों के लिए लागू होगा जो पहले दो चरणों में छूट गए थे।

अयोध्या जिले में करीब 2.27 लाख उज्ज्वला लाभार्थी हैं। अब कम ही पात्र परिवार अब योजना से वंचित हैं। इनमें मुख्य रूप से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले, प्रवासी मजदूर और अन्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग शामिल हैं। प्रथम चरण में योजना का लाभ मुख्य रूप से अंत्योदय कार्ड धारक, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना लाभार्थी और अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों को दिया गया था। 

दूसरे चरण में सभी कार्ड धारकों को शामिल कर लिया गया। अब तीसरे चरण में केंद्र सरकार ने 25 लाख अतिरिक्त कनेक्शन जारी करने का फैसला लिया है।नए दिशा-निर्देशों में सख्ती बरतते हुए कहा गया है कि कम से कम पांच प्रतिशत आवेदनों का भौतिक सत्यापन अनिवार्य होगा। वहीं प्रवासी मजदूरों के मामले में 20 प्रतिशत कनेक्शनों का मौके पर सत्यापन किया जाएगा। 

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला उज्ज्वला कमेटी इसमें अहम भूमिका निभाएगी। जिला प्रशासन ने सभी गैस एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि पात्र महिलाएं जल्द से जल्द नजदीकी एजेंसी या जनसेवा केंद्र पर जाकर सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करें। सत्यापन पूरा होने के बाद कनेक्शन के साथ पहला सिलेंडर भी मुफ्त दिया जाएगा।

कनेक्शन लेना है तो इन सवालों का देना होगा जवाब

-परिवार के किसी भी सदस्य की मासिक आय 10 हजार से अधिक तो नहीं।
-कोई प्रोफेशनल टैक्स का भुगतान तो नहीं कर रहा।
-परिवार का कोई सदस्य आयकर का भुगतान तो नहीं कर रहा।
-परिवार का सदस्य सरकारी कर्मचारी तो नहीं।
-सरकार के साथ पंजीकृत कृषि गैर उद्यमों वाला परिवार तो नहीं।
-50 हजार से अधिक की क्रेडिट सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड तो नहीं हैं।
-सिंचाई उपकरण के साथ 2.5 एकड़ से अधिक संचित भूमि का मालिक तो नहीं।
-दो या अधिक फसल मौसमों के लिए पांच एकड़ या अधिक तो नहीं।
-कम से कम एक सिंचाई उपकरण के साथ 7.5 एकड़ या अधिक भूमि का मालिक तो नहीं।
-30 वर्ग मीटर से अधिक कॉरपेट एरिया (सरकारी योजना से मिले घर को छोड़कर) तो नहीं है।
-मोटर वाली तीन या चार पहिया गाड़ी, मछली पकड़ने वाली नाव तो नहीं है।
-मैकेनाइज्ड तीन या चार पहिया कृषि उपकरण तो नहीं है।
-मौजूदा एलपीजी कनेक्शन है या नहीं। यह ओएमसी द्वारा सेंट्रलाइज्ड एलपीजी डाटा बेस्ड के माध्यम से सत्यापित किया जाएगा।

जिले में योजना के तीसरे चरण का काम शुरू हो चुका है। रेंडेमली सत्यापन किया जाएगा। कमेटी में एडीएम सिटी के अलावा मेरा भी नाम है।-बृजेश मिश्रा, जिला आपूर्ति अधिकारी।

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