पश्चिम बंगाल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राजनीतिक दलों में वाकयुद्ध 

पश्चिम बंगाल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राजनीतिक दलों में वाकयुद्ध 

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर राजनीतिक दलों में वाकयुद्ध छिड़ गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने जहां दावा किया कि केवल उनकी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी को उनका उचित सम्मान दिया... वहीं कांग्रेस तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने आरोप लगाया कि केवल राजनीतिक फायदा हासिल करने के लिए ऐसा किया गया।

स्वतंत्रता सेनानी बोस की 126वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद भाजपा की बंगाल इकाई के प्रमुख शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि नेताजी देश की स्वतंत्रता के मुख्य वास्तुकार थे। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अधिकारी ने कहा, किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने उन्हें वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वह हकदार हैं।

उन्होंने कहा, भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेताजी को उचित गरिमा व सम्मान दे रहे हैं। देश की जनता इसे देख रही है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि दूसरे दलों ने केवल राजनीतिक फायदे के लिए नेताजी के नाम का इस्तेमाल किया। उन्होंने दावा किया, अगर किसी ने नेताजी को उचित सम्मान दिया है तो वह भाजपा है।

दिल्ली में उनकी प्रतिमा किसने स्थापित की? प्रधानमंत्री मोदी ने... उन्होंने ही उन्हें उचित सम्मान दिया और देश के युवाओं को नेताजी तथा उनकी विचारधारा से अवगत कराया। प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर 2022 में राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट पर नेताजी की एक प्रतिमा का उद्घाटन किया था।

कांग्रेस ने इन दावों पर पलटवार करते हुए कहा, भाजपा चुनाव जीतने और देश के लोगों को धोखा देने के लिए ऐसा (नेताजी को श्रद्धांजलि दे रही है) कर रही है बोस पहले कांग्रेस जुड़े थे, लेकिन वैचारिक मतभेदों के कारण उससे अलग होकर उन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया था।

कांग्रेस के लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा, भाजपा के पास कोई नायक नहीं है। इसलिए नेताजी की विचारधारा में विश्वास न रखने के बावजूद भाजपा नेता राजनीतिक फायदे के लिए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वहीं, माकपा के नेता सुजान चौधरी ने भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की आलोचना करते हुए उन पर अपनी भ्रमित विचारधारा को नेताजी से जोड़ने का आरोप लगाया।

गौरतलब है कि नेताजी की जयंती के अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कोलकाता और गृह मंत्री अमित शाह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के दौरे पर हैं। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया।

उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनाए जाने वाले नेताजी राष्‍ट्रीय स्‍मारक के प्रतिरूप का भी उद्घाटन किया। उल्लेखनीय है कि नेताजी की जयंती के उपलक्ष्य में 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। 

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