Alaya Apartment Collapse: हर तरफ सहमी नजर, मेरे अपने हैं किधर, कहीं एम्बुलेंस के पीछे तो कहीं पुलिसकर्मियों से गुहार लगाते रहे परिजन

Alaya Apartment Collapse: हर तरफ सहमी नजर, मेरे अपने हैं किधर, कहीं एम्बुलेंस के पीछे तो कहीं पुलिसकर्मियों से गुहार लगाते रहे परिजन

लखनऊ, अमृत विचार। हजरतगंज क्षेत्र के वजीर हसन रोड पर अलाया होम्स अपार्टमेंट् तेज धमाके के साथ चंद मिनट में ढह गई। जिससे पूरा क्षेत्र सहम गया। हर तरफ चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल था। बिल्डिंग के मलबे में दबे अपनों को बचाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद पुलिस टीम के अलावा बचाव दल ने लोगों को वहीं रोक दिया।

इस हादसे से सहमे लोग अपनों की सलामती के लिए लगातार कॉल पर सम्पर्क करते रहे। लोग अपनों की जानकारी जुटाने के लिए पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाते रहे। जब किसी घायल को मलबे से निकला जाता तो लोग एम्बुलेंस के पीछे दौड़ने लगते। इस भयावह मंजर के बीच लोगों के जेहन में बस एक ही सवाल था कि मेरे अपने कहां हैं।

खरगापुर निवासी विपुल ने बताया उनका छोटा भाई रोहित अपार्टमेंट में ड्राइवर की नौकरी करता है। बिल्डिंग के जमींदोज होने की सूचना पर वह भी मौके पर पहुंचे और भाई को तलाशने में जुट गए। उन्होंने पुलिस कर्मियों से भी पूछताछ की, लेकिन किसी को भी जानकारी नहीं थी। वह लगातार मोबाइल पर भाई से सम्पर्क साधने कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उनके छोटे भाई का कहीं भी पता नहीं चल रहा है। वह उसकी सलामती के लिए दुआ करने लगे।

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इस हादसे के बाद एक परिवार मौके पर पहुंचा। बिल्डिंग को जमींदोज देखकर दो महिलाएं गश खाकर गिर पड़ीं। हालांकि, मौजूद परिजनों ने उन्हें फौरन गाड़ी में बैठाया और वहां से निकल गए। बालू अड्डा निवासी फातिमा ने बताया कि उनकी मां शाहजहां अलाया होम्स अपार्टमेंट की चौथी मंजिल पर रहने वाले अली हैदर के घर में खाना बनाती हैं। मंगलवार शाम पांच बजे वह अपार्टमेंट में खाना बनाने गई थीं।

जब उन्हें हादसे की जानकारी हुई तो पूरा परिवार सहम गया। फातिमा ने बताया कि भाई इरशाद के साथ वह मौके पर पहुंची लेकिन उनकी मां का कहीं पता नहीं चला। वहीं फ्लैट नंबर 402 में रहने वाले अमीन हैदर ने बताया कि उनकी पत्नी भी मलबे में दब गई है। अभी तक उनका पता नहीं चल सका है।

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वहीं उसी अपार्टमेंट में रहने वाले कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता जीशान हैदर ने बताया कि उनके माता-पिता भी एक फ्लैट में रहते थे। हादसे के वक्त उनके पिता किसी काम से गए हुए थे। घर पर मां अकेली थी। इस हादसे में उनकी मां का कहीं भी पता नहीं चल सका है। फिलहाल रेस्क्यू टीम का कहना है कि लोग राहत कार्य में जुटे हुए हैं।

पुराने मानकों पर बनीं थी बिल्डिंग
मौके पर मौजूद डीजी फायर जुगल किशोर ने बताया कि साल 2005 के करीब यह बिल्डिंग बनाई गई थी। जो कि पुराने मानकों के आधार पर तैयार की गई थी। हालांकि, बिल्डिंग का निर्माण किस बिल्डर्स ने किया था। इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। हालांकि यह कयास लगाए जा रहे थे कि यह बिल्डिंग यजदान बिल्डर्र द्वारा बनाई गई थी, लेकिन अधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है।

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