भवाली: आदमी रुद्रपुर में, मुखतारनामा रामपुर में और रजिस्ट्री हुई नैनीताल में...

भवाली: आदमी रुद्रपुर में, मुखतारनामा रामपुर में और रजिस्ट्री हुई नैनीताल में...

भवाली, अमृत विचार। भवाली में वक्त की जमीन पर उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद अकबर अहमद उर्फ डम्पी ने कब्जा कर लिया। जमीन की न सिर्फ रजिस्ट्री हुई, बल्कि आपत्तियों के बावजूद दाखिल खारिज भी करा ली गई। पूर्व सांसद के साथ एक नर्सिंग होम के मालिक ने भी जमीन खरीदी और रिसॉर्ट का निर्माण शुरू कर दिया। मामला खुला तो भवाली कोतवाली में सात लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज हुआ। 
   

आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराने वाले वक्त बोर्ड के सचिव गौलापुल काठगोदाम निवासी हसमत अली पुत्र स्व. मैहफूज अली ने बताया कि ग्राम विसारदगंज रामगढ़ स्थित वक्फ संख्या 610 वक्फ गुलाम कादिर नैनीताल की 28 एकड़ (535 नाली 2 मुट्ठी) जमीन है, जो वक्फ अभिलेखों में खसरा नम्बर के साथ दर्ज है।

इस जमीन को उत्तर प्रदेश के पूर्व सांसद और आलिया डेवलपर्स के मालिक सिडार अकबर अहमद पुत्र स्व.इस्लाम अहमद ने फर्जी दस्तावेजों के बूते सौ नाली जमीन अपने नाम करा ली। इस मामले में जब हसमत अली ने उपनिबन्धक कार्यालय में पड़ताल की तो पता लगा कि पूर्व सांसद के अलावा भी वक्फ की भूमि पर कई और लोगों ने रजिस्ट्री और दाखिल खारिज करा रखी है।

बकौल हसमत इसमें तिकोनिया स्थित गुप्ता नर्सिंग होम के मालिक तिकोनिया निवासी आशीष गुप्ता पुत्र शशीकान्त गुप्ता भी हैं। जिन्होंने चन्दन सिंह पुत्र स्व. शेर सिंह निवासी ग्राम धानाचुली पट्टी सुन्दरखाल से 900 वर्ग मीटर भूमि खरीदी और उस पर रिसॉर्ट का निर्माण शुरू कर दिया। इसके अलावा राजेन्द्र सिंह बिष्ट ने हेमन्त सिंह बिष्ट से एक नाली आठ मुट्टी जमीन खरीदी।

जबकि हेमन्त सिंह ढेला के हक में मोहन बहादुर सिंह ने दो नाली नौ मुट्ठी भूमि दान कर दी। भवाली कोतवाली पुलिस ने इस मामले में हसमत की तहरीर पर सभी सात लोगों के खिलाफ धारा 415, 416, 417, 420, 463, 464, 465, 468, 470 व 471 तथा वक्फ अधिनियम की धारा 104(ए) के तहत केस दर्ज किया है। 


पूरे मामले का भंडाफोड़ करते हुए हसमत ने बताया कि अकबर ने सौ नाली जमीन बाद में अपने नाम कराई। इससे पहले उत्तर प्रदेश के वक्त वक्फ की जमीन के लिए एक कमेटी बनवाई गई। कमेटी के चेयरमैन से रुद्रपुर के एक व्यक्ति के नाम पर मुखतारनामा करा लिया गया और ये मुखतारनामा रामपुर में हुआ। जिसके बाद इसकी रजिस्ट्री नैनीताल में कराई गई। हसमत के मुताबिक जिस जमीन पर कब्जा किया गया है, उसका बाजार भाव आज 15 लाख रुपये नाली के करीब है।