बरेली: यूनीसेफ की मॉनिटरिंग में खुलासा, 90 प्रतिशत केंद्रों पर एचआईवी स्क्रीनिंग किट ही नहीं
गर्भवतियों की जांच को लेकर जिम्मेदार लापरवाह, अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं मिली स्क्रीनिंग किट
बरेली, अमृत विचार। शासन की ओर से स्वस्थ जच्चा-बच्चा का मंत्र दिया जा रहा है, लेकिन खुद विभाग ही इसके प्रति जिम्मेदार नहीं है। ऐसा ही कुछ यूनीसेफ की मॉनिटरिंग में उजागर हुआ है। दरअसल, जिले के अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों पर एचआईवी स्क्रीनिंग ही नहीं हो रही है। मॉनिटरिंग के दौरान 90 प्रतिशत केंद्रों पर एचआईवी स्क्रीनिंग किट ही नहीं मिली।
यूनीसेफ ने दिसंबर माह में जिले में मैटेरनल हेल्थ सर्विसेज की स्थिति देखने के लिए कई स्वास्थ्य केंद्रों पर मॉनिटरिंग की थी। इस दौरान गर्भवतियों की जांच की स्थिति खराब मिली थी।
शासन ने यह दिया था निर्देश
शासन ने निर्देश दिया है कि गर्भवतियों की एचआईवी स्क्रीनिंग भी जरूर की जाए। यूनीसेफ ने जिले में 159 सेशन पर निगरानी की। पूरे जिले में सिर्फ 14 एचआईवी किट ही मिलीं। शेरगढ़ ही एकमात्र इलाका रहा, जहां 14 एचआईवी स्क्रीनिंग किट उपलब्ध थीं। यूनीसेफ ने भमोरा में 16, बिथरी में 14, फरीदपुर में 11, क्यारा में 8, मझगवां में 15, रामनगर में 15 और शहर में 51 हेल्थ सेशन की मॉनिटरिंग की थी। शहर में दो एचआईवी स्क्रीनिंग किट उपलब्ध थीं। यूनीसेफ ने रिपोर्ट प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दे दी है।
टीबी मरीजों की एचआईवी जांच कराई जा रही है। गर्भवतियों की जांच में कुछ अनियमितताएं मिली हैं। इसका निवारण कर दिया गया है। गर्भवतियों की एचआईवी स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया गया है- डा. बलवीर सिंह, सीएमओ।
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