'दूसरे के बच्चे को अपने पालने में खेलाने की कोशिश कर रही कांग्रेस', शराब के मसले पर बोले नरोत्तम मिश्रा

'दूसरे के बच्चे को अपने पालने में खेलाने की कोशिश कर रही कांग्रेस', शराब के मसले पर बोले नरोत्तम मिश्रा

इंदौर। शराब के खिलाफ मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की दिनों-दिन तेज होती मुहिम के बहाने कांग्रेस द्वारा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधे जाने को लेकर राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को पलटवार किया। मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के पास अपना कोई मुद्दा या विचार नहीं बचा है।

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भारती ने सूबे के ओरछा कस्बे में बृहस्पतिवार को शराब की एक दुकान के सामने गायों को बांधकर उन्हें घास खिलाई थी और लोगों से मदिरा त्याग कर गाय का दूध पीने का आह्वान किया था। पूर्व मुख्यमंत्री के इस कदम के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने इंदौर में बेहद संक्षिप्त प्रतिक्रिया में संवाददाताओं से कहा,‘‘अच्छी बात है।’’ मिश्रा, राज्य सरकार के प्रवक्ता भी हैं।

जब उनके सामने जिक्र किया गया कि शराब के खिलाफ भारती की मुहिम के बहाने कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा पर लगातार निशाने साध रही है, तो उन्होंने कहा,‘‘अब कांग्रेस के पास स्वयं का कोई मुद्दा या विचार तो बचा नहीं है। वे (कांग्रेस नेता) दूसरे के ललना (बच्चे) को अपने पलना (पालने) में खेलाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक संदिग्ध कार्यकर्ता को सूबे के श्योपुर से पकड़े जाने की खबरों को गृह मंत्री ने सिरे से खारिज किया और कहा कि उनके पास ऐसा कोई समाचार नहीं है। सूबे की राजधानी भोपाल के पास स्थित ऐतिहासिक इस्लाम नगर का नाम बदलकर जगदीशपुर किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह फैसला "जनता की मांग पर विचार के बाद" किया गया है। मिश्रा, इंदौर के प्रभारी मंत्री भी हैं।

स्थानीय पार्षदों ने बृहस्पतिवार को एक हंगामेदार बैठक में शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव से शिकायत की थी कि सरकारी अफसर उनकी बात नहीं सुनते और इसके बाद महापौर ने नौकरशाही के रवैये को लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी। बहरहाल, प्रभारी मंत्री मिश्रा ने इंदौर में निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और नौकरशाही के बीच खींचतान का मसला सिरे से खारिज करते हुए कहा कि महापौर ने उन्हें ऐसी किसी बात से अब तक अवगत नहीं कराया है। गृह मंत्री ने कहा,‘‘ऐसा संभव ही नहीं है कि जन प्रतिनिधियों की बात अधिकारी ना सुनें।’’ गौरतलब है कि जब मिश्रा ने यह बात कही, तब महापौर भार्गव एकदम उनके पास बैठे थे। हालांकि, महापौर इस दौरान खामोश बने रहे।

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