पहले देश, जाति-धर्म और पार्टी दूसरे नंबर पर : लोकेश मुनि
रामलीला मैदान में मदनी का विरोध करने वाले आचार्य ने रामलला से लिया आशीर्वाद
अमृत विचार,अयोध्या। दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलामा-ए-हिंद अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी के विवादित बयान का मंच पर विरोध कर सुर्खियों में आए अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश मुनि शुक्रवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने रामलला व हनुमानगढ़ी पर दर्शन-पूजन कर देश में हिंदुओं को एकजुट करने का संकल्प लिया।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान जैन आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि वह रामलला के दरबार में ध्यान लगाने आए थे। श्रीराम के चरणों में बैठकर विश्व शांति के लिए देश की एकता, अखंडता और समाज में शांति सद्भावना के लिए प्रार्थना की है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी रामलीला के मैदान में घटा उस दौरान मैंने बड़े ही अच्छे से लखनऊ : एमआईएस मैनेजरों की दक्षता तय करेगी परीक्षाविचार रखे यह प्रभु श्री राम की ही शक्ति थी।
राम चरित मानस की चौपाइयों पर छिड़े विवाद पर उन्होंने कहा कि जातिवादी जुनून और सांप्रदायिक कट्टरता लोकतंत्र के सबसे बड़े दुश्मन हैं। जाति, धर्म और पार्टी यह सब नंबर दो पर हैं। नंबर एक पर सबसे पहले हमारा देश है। उन्होंने ऐसे लोगों की सद्बुद्धि के लिए रामलला से प्रार्थना की है। इसी के साथ उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत में रहने वाला हर कोई हिंदू है और यही हमारा सांस्कृतिक, भौगोलिक और राष्ट्र वाचक शब्द है। यही नहीं आचार्य लोकेश मुनि ने रूस और यूक्रेन के युद्ध में भी आपसी बातचीत का जिक्र किया।
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