बरेली: निजीकरण के विरोध में 72 घंटे हड़ताल करेंगे बिजली अधिकारी
चीफ इंजीनियर कार्यालय स्थित सभागार में विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक में बोलते वक्ता(फोटो)
बरेली, अमृत विचार। निजीकरण के विरोध में बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी 72 घंटे के लिए हड़ताल करेंगे। जिसको लेकर शनिवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्य अभियंता राजीव कुमार शर्मा के कार्यालय में बैठक आयोजित की। जिसमें आगामी दिनों में होने वाले कार्यक्रम की रूप रेखा तैयार की गई।
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विद्युत मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि 3 दिसम्बर, 2022 को हुए समझौते के क्रियान्वयन और निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मी 16 मार्च की रात से 72 घंटे की हड़ताल करेंगे। 14 मार्च को मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकाले जाएंगे। महासचिव जीबी पटेल ने कहा कि उनकी मांग है कि 3 दिसम्बर के समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन की व्यवस्था लागू की जाए।
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि 3 दिसम्बर को ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी के साथ हुए लिखित समझौते के प्रति ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के नकारात्मक रवैये और बड़े पैमाने पर निजीकरण किए जाने के फैसले से बिजली कर्मियों में भारी रोष व्याप्त है।
संयोजक गौरव शर्मा ने बताया कि शक्तिभवन मुख्यालय में कार्यरत बिजली कर्मचारियों और निविदा संविदा कर्मचारियों को परेशान करने के लिए करोड़ों रुपये का अपव्यय कर फेस रिकगनिशन प्रणाली लगाई जा रही है। बैठक में उमेश चंद्र सोनकर, पीके भारती, अमित कुमार सक्सेना, पारस रस्तोगी, सतीश कुमार जयसवाल, अनिल कुमार रावत, अभय सिंह, नीरज आदि अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
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