बरेली: रमजान में मस्जिदों में गूंजेगी जामियातुर्रजा के हाफिजों की आवाज
बरेली, अमृत विचार। रमजान का पाक महीना शुरू होने में चंद दिन ही बचे हैं। रमजान के मौके पर मस्जिदों में अदा की जाने वाली विशेष तरावीह की नमाज में कुरान की तिलावत की जाती है। तरावीह की नमाज के लिए मस्जिदों में विशेष रूप से हाफिज ( कुरान कंठस्थ करने वाले ) नियुक्त किए जाते हैं। दुनियाभर में रमजान के मौके पर इस्लामिक यूनिवर्सिटी जामियातुर्रजा के हाफिजों की मांग रहती है। इस बार भी जामियातुर्रजा के हाफिजों की आवाज में कुरान की तिलावत देश-दुनिया की मस्जिदों में सुनाई देगी।
जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन खां ने बताया कि इस्लामिक यूनिवर्सिटी जामियातुर्रजा मरकज-ए-अहले सुन्नत बरेली का मरकजी इदारा है। यहां से हजारों हाफिज तालीम हासिल करने के बाद देश-विदेश में इमामत तो करते ही हैं। जबकि रमजान में तरावीह पढ़ाने के अलावा दीनी खिदमात को अंजाम देते हैं। हर साल रमजान के मौके पर जामियातुर्रजा के हाफिजों की मांग अधिक रहती है।
यहां से हाफिज देश-विदेश में रमजान के महीने में तरावीह पढ़ाने जाते हैं। यह हाफिज सुन्नियों के अकीदे को महफूज करते हैं। मसलके आला हजरत का पैगाम आम करते हैं। उन्होंने बताया कि जो लोग रमजान में बरेली से हाफिज बुलाना चाहते हों या जो हाफिज देश-विदेश (दुबई, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, नेपाल आदि) में अपनी खिदमात पेश करना चाहते हों, वह लोग जमात रजा-ए-मुस्तफा के मुख्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
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