चित्रकूट : सदर विधायक ने प्रश्नकाल में उठाया कोल आदिवासियों का मुद्दा

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Published By Virendra Pandey
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चित्रकूट, अमृत विचार। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदर विधायक अनिल प्रधान ने सरकार से पूछा कि कोल आदिवासी समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में कब शामिल करेगी। विधायक ने बताया कि इन आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 का लाभ नहीं मिल पा रहा। विधायक ने इस दौरान बरगढ़ फ्लोट ग्लास फैक्ट्री का भी मुद्दा उठाया। सपा विधायक ने बताया कि सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, चित्रकूट बांदा और प्रयागराज जिलों में लगभग साढ़े सात लाख कोल आदिवासी हैं।

समाजवादी पार्टी की सरकार ने 2013 में जनजाति कल्याण मंत्रालय को आदिवासी समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की संस्तुति भेजी थी। अऩुसूचित जाति जनजाति शोध प्रशिक्षण संस्थान से सर्वे भी कराया गया था। जनजाति की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ये आज भी लकड़ी बेचकर अपना गुजारा करते हैं। केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकारें हैं। सरकार बताए कि कब कोल आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करेगी। इस दौरान विधायक ने इस बात पर चिंता जताई कि कोल आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति एवं परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 का लाभ नहीं मिल पा रहा तथा 75 वर्ष पूर्व का प्रमाण मांगा जा रहा है। इनको पुश्तैनी वनभूमि से भी बेदखल किया जा रहा है। विधायक ने चर्चा के दौरान बरगढ़ ग्लास फैक्ट्री चालू कराने की भी मांग रखी और बताया कि अगर इसे चालू कराया जाए तो क्षेत्र के हजारों नौजवानों को रोजगार मिलेगा और पलायन रुकेगा।

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