हाईकोर्ट : बरेली नगर निगम पर रोक, नहीं कर सकता 27 मकानों पर बलपूर्वक कार्रवाई

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Published By Virendra Pandey
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प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरेली के शाहाबाद (प्रेम नगर) क्षेत्र में 27 मकानों के खिलाफ प्रस्तावित ध्वस्तीकरण कार्रवाई पर रोक लगाते हुए स्पष्ट किया है कि बिना व्यक्तिगत सुनवाई के कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार और न्यायमूर्ति सत्य वीर सिंह की खंडपीठ ने 13 नवंबर को मोहम्मद शाहिद व अन्य की याचिका का निस्तारण करते हुए दिया।

 बता दें कि याचियों ने 9 अक्टूबर को जारी उन नोटिसों को चुनौती दी थी, जिनमें उनके घरों को अवैध निर्माण बताकर 15 दिनों में स्वयं हटाने का निर्देश दिया गया था। याचियों का दावा है कि नगर निगम वर्षों से उनसे कर वसूलता रहा है, फिर भी बिना सुनवाई के उन्हें अचानक नोटिस जारी कर दी गई। सुनवाई में निगम की ओर से बताया गया कि कुछ निवासियों ने पहले ही जवाब दाखिल कर दिया है और प्राधिकरण कानून के अनुसार निर्णय लेने को तैयार है।

 इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए कोर्ट ने सभी याचियों को चार सप्ताह के भीतर अपना व्यक्तिगत जवाब दाखिल करने का अवसर दिया, साथ ही सक्षम प्राधिकारी को निर्देश दिया कि वह व्यक्तिगत सुनवाई के बाद तर्कसंगत व स्पष्ट आदेश पारित करें और पूरी कार्यवाही दो माह में पूरी करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि निर्णय होने तक या तीन माह की अवधि तक, याचियों द्वारा किए गए निर्माणों के विरुद्ध कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता व नगर निगम के अधिवक्ता को निर्देश दिया कि वे जिला प्रशासन को तुरंत सूचित करें, जिससे आदेश का तत्काल अनुपालन सुनिश्चित हो सके।

गौरतलब है कि बरेली नगर निगम ने अक्टूबर में नोटिस जारी करते हुए कहा था कि 27 मकान नगर निगम की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए हैं और ध्वस्तीकरण व एफआईआर जैसी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। यह कदम 26 सितंबर को इस्लामिया ग्राउंड के पास ‘आई लव मुहम्मद’ विवाद को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद शुरू किए गए व्यापक अभियान का हिस्सा था।

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