लखनऊ : मखाना की खेती में बिहार के मुकाबले उतरेगा उत्तर प्रदेश

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Published By Virendra Pandey
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ, अमृत विचार : उत्तर प्रदेश मखाना की खेती में बिहार के मुकाबले उतरने को कमर कसने जा रहा है। राज्य सरकार ने मखाना विकास योजना की शुरुआत दी है। हालांकि वर्तमान में भारत में सर्वाधिक मखाना बिहार राज्य में पैदा होता है, जो देश के कुल उत्पादन का 80-90 प्रतिशत हिस्सा है।

दरअसल, भारत सरकार ने वर्ष 2025 में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का गठन किया और प्रथम चरण में 10 राज्यों में योजना लागू की, जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है। इसी कड़ी में वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना को केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी है और 158 लाख रुपये भी जारी किए हैं।

चूंकि मखाना एक सुपरफूड है, जिसकी बाजार में उच्च मांग है। यह ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों ने उत्तर प्रदेश की जलवायु को मखाना उत्पाद के लिए उपयुक्त पाया है। पूर्वांचल के कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, बलिया, महाराजगंज, वाराणसी, बस्ती जिले मखाना की खेती के लिए सर्वोत्तम बताए गए हैं। इन जिलों को मखाना उत्पादन के लिए अत्यंत अनुकूल इसलिए भी माना गया क्योंकि जहां सिंघाड़े की खेती संभव है, वहां मखाना उत्पादन भी अत्यंत सफल रहेगा। अगले वित्तीय वर्ष से विभाग मखाना की खेती के क्षेत्र का विस्तार, गुणवत्तायुक्त रोपण सामग्री का उत्पादन और प्रसंस्करण व मूल्य संवर्धन गतिविधियों को और व्यापक स्तर पर शुरु करने जा रहा है। राज्य सरकार की मंशा है कि मखाना विकास योजना उत्तर प्रदेश के किसानों को उच्च मूल्य वाली फसलों से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि करने का महत्वपूर्ण माध्यम बने। साथ ही यह योजना उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में मील का पत्थर साबित हो।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मखाना बनेगा

उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि केन्द्र से मिली धनराशि से मखाना खेती के लिए तालाबों का चयन व निर्माण, किसानों की ट्रेनिंग प्रोग्राम, बायर-सेलर मीट, प्रचार-प्रसार, एक्सपोटर्स की अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में भागीदारी और सेमिनार जैसे कार्यक्रम कराए जाने हैं। साथ ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मखाना की स्थापना की दिशा में भी कदम बढ़ा दिए गए हैं।

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