IND vs AUS : आखिरी टेस्ट ड्रॉ, भारत ने ऑस्ट्रेलिया को चार मैचों की श्रृंखला में 2-1 से हराया...अब WTC फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ंत

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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अहमदाबाद। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला के चौथे और आखिरी टेस्ट मैच के पांचवें दिन सोमवार को भारतीय गेंदबाजों को पिच से कोई खास मदद नहीं मिली लेकिन टीम ने घरेलू परिस्थितियों में दबदबा कायम रखते हुए 2-1 से श्रृंखला अपने नाम की। भारत ने इस मैच के खत्म होने से पहले ही हालांकि लगातार दूसरी बार विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में भी अपनी जगह पक्की कर ली। भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा। फाइनल मैच 7 जून से ओवल में खेला जाएगा।

क्राइस्टचर्च में श्रीलंका पर न्यूजीलैंड की दो विकेट की रोमांचक जीत के साथ ही भारत का विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल का टिकट पक्का हो गया था। भारत-ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के आखिरी टेस्ट से पहले के समीकरण में श्रीलंका को डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने के लिए न्यूजीलैंड दौरे पर 2-0 से जीत दर्ज करनी थी लेकिन श्रृंखला के शुरुआती मैच में उसकी हार ने भारत की जगह पक्की कर दी। 

ऑस्ट्रेलिया ने पिछले टेस्ट मैच को जीत कर पहले ही डब्ल्यूटीसी फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी। डब्ल्यूटीसी का फाइनल सात जून से लंदन के द ओवल में खेला जायेगा। भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर लगातार चौथी बार टेस्ट श्रृंखला में 2-1 से जीत दर्ज की है। इससे पहले भारतीय टीम ने 2017 में घरेलू श्रृंखला के अलावा 2018-19 और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराया था।  मैच के पांचवें दिन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने बिना दबाव के खेलते हुए बल्लेबाजी अभ्यास पर जोर दिया।

दिन के शुरुआती सत्र में रात्रि प्रहरी कुहनेमैन के पवेलियन लौटने के बाद सलामी बल्लेबाज ट्रेविस हेड और मार्नुस लाबुशेन ने रक्षात्मक रवैया अपनाया और भारतीय गेंदबाजों को हावी होने के मौके नहीं दिये। हेड ने 163 गेंद में 10 चौकों और दो छक्कों की मदद से 90 रन बनाने के साथ लाबुशेन के साथ दूसरे विकेट के लिए 139 रन की साझेदारी कर मैच को भारत की पकड़ से दूर कर दिया। दोनों कप्तान जब मैच ड्रॉ करने पर सहमत हुए तब लाबुशेन 63 और स्टीव स्मिथ 10 रन बना कर खेल रहे थे। इस समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर दो विकेट पर 175 रन (पारी घोषित) था।

भारतीय टीम लगातार दूसरी बार डब्ल्यूटीसी फाइनल क्वालिफिकेशन के बाद खुशी होगी लेकिन मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा अच्छी तरह से जानते होंगे कि ऑस्ट्रेलिया से फाइनल में एक अलग मुकाबला होगा जहां पिच निश्चित रूप से भारतीय स्पिनरों की मदद नहीं करेगी जैसा उसने इस श्रृंखला के पहले तीन टेस्ट में किया था। जून की शुरुआत में इंग्लैंड की पिच पर मिचेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, कप्तान पैट कमिंस और नाथन लियोन का ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण भारतीय बल्लेबाजों के लिए काफी परेशानी खड़ी कर सकता है। भारत ने हालांकि ऑस्ट्रेलिया में इस गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ दो श्रृंखला जीती हैं।

इस श्रृंखला में स्पिनरों की मददगार पिच से  रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और अक्षर पटेल को मदद मिली लेकिन क्रिकेट जगत में इसकी काफी किरकिरी हुई। यही नहीं भारतीय शीर्ष क्रम भी ऑस्ट्रेलिया के स्पिनरों के खिलाफ सहज नहीं दिखा। इंग्लैंड में भारत को एक ही स्पिनर के साथ खेलना होगा और संभावना है कि वह ऑलराउंडर जडेजा होंगे। टीम को हालांकि सबसे ज्यादा जसप्रीत बुमराह और ऋषभ पंत की कमी खलेगी। पंत की जगह टीम में शामिल हुए कोना भरत (चार टेस्ट में 101 रन) स्पिन गेंदबाजी के साथ स्विंग लेती गेंदों पर विकेट के पीछे सहज नहीं दिखे। लोकेश राहुल के खराब लय से टीम की परेशानियों को बढ़ाया लेकिन अक्षर पटेल और विराट कोहली ने शानदार बल्लेबाजी टीम का आत्मविश्वास बढ़ाया।

श्रृंखला से पहले किसी ने उम्मीद नहीं की होगी की अक्षर इन चार टेस्ट मैचों में 264 रन के साथ विराट कोहली (297) के बाद भारत के दूसरे सर्वोच्च स्कोरर होंगे। उन्होंने इस दौरान तीन अर्धशतकीय पारियां खेली। अश्विन ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय परिस्थितियों में उनका कोई तोड़ नहीं । जिस पिच पर दूसरे गेंदबाज विकेट के लिए तरस रहे थे उन्होंने उस पर ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में छह विकेट चटकाये। वह श्रृंखला में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। पिच से मदद नहीं मिलने पर हालांकि जडेजा और अक्षर प्रभावहीन दिखे। मैच के पांचवें दिन मोटेरा की पिच पर गेंदबाजों को ज्यादा मदद नहीं मिल रही है।

हालांकि भारतीय स्पिनरों से उम्मीद थी कि वे सोमवार को जल्दी विकेट चटकायेंगे लेकिन बल्लेबाजों ने आसान परिस्थितियों का फायदा उठाया।  हेड ने इस दौरान कुछ अच्छे शॉट लगाये और अपनी अच्छी फॉर्म जारी रखी, जबकि लाबुशेन ने अति-रक्षात्मक रुख अपनाकर क्रीज पर टिके रहने पर जोर दिया। हेड हालांकि शतक से चूक गये और अक्षर की गेंद पर गच्चा खा कर बोल्ड हो गये। अक्षर की यह गेंद उनके ऑफ स्टंप के बाहर टप्पा खाकर तेजी से अंदर आयी और विकेट से जाकर टकरा गयी।

दिन के शुरुआती सत्र में उस्मान ख्वाजा की गैरमौजूदगी के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा। ख्वाजा के चोटिल होने के कारण टीम के लिए पारी का आगाज करने वाले रात्रि प्रहरी मैथ्यू कुहनेमैन के रूप में भारत को एकमात्र सफलता मिली। कुहनेमैन अश्विन की गेंद पर पगबाधा हुए। वह हालांकि दुर्भाग्यशाली रहे कि दूसरे छोर पर खड़े हेड ने उन्हें डीआरएस (मैदानी अंपायर के फैसले की समीक्षा) लेने से मना कर दिया। टेलीविजन रीप्ले में दिखा कि अगर वह डीआरएस का सहारा लेते तो मैदानी अंपायर का फैसला पलट जाता।

ऑस्ट्रेलिया ने चाय तक दो विकेट पर 158 रन बनाये 
ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला के चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के पांचवें दिन सोमवार को चाय के विश्राम तक दो विकेट पर 158 रन बना लिए, जिससे यह मुकाबला ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है। भारत ने अपनी पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया पर 91 रन की बढ़त बनायी थी लेकिन ऑस्ट्रेलिया अब 67 रन से आगे है। ऑस्ट्रेलिया के लिए ट्रेविस हेड (90) और मार्नुस लाबुशेन (नाबाद 56) ने दूसरे विकेट के लिए 139 रन की साझेदारी की। भारत को दिन के दूसरे सत्र में एकमात्र सफलता अक्षर पटेल ने हेड को बोल्ड कर दिलायी। चाय के विश्राम के समय लाबुशेन के साथ कप्तान स्टीव स्मिथ क्रीज पर मौजूद थे। स्मिथ ने अभी खाता नहीं खोला है। 

ऑस्ट्रेलिया ने लंच तक एक विकेट पर 73 रन बनाये, ड्रॉ की ओर बढ़ा चौथा टेस्ट 
ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट श्रृंखला के चौथे टेस्ट के पांचवें दिन भारत के खिलाफ सोमवार को लंच तक अपनी दूसरी पारी में एक विकेट पर 73 रन बना लिए। पहली पारी में भारत ने 91 रन से पिछड़ने वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम अब भी 18 रन से पीछे है। लंच के लिए खेल रोके जाते समय सलामी बल्लेबाज ट्रेविस हेड 45 रन और मार्नुस लाबुशेन 22 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे।  दोनों ने दूसरे विकेट के लिये 59 रन की अटूट साझेदारी कर ली हैं। भारत को दिन की एकमात्र सफलता रविचंद्रन अश्विन (छह रन) ने मैथ्यू कुहनेमैन (छह) को पगबाधा कर दिलाई। 


कोहली ने 1205 दिन बाद शतक जमाया
लगभग 40 महीने के सूखे को समाप्त करते हुए भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने रविवार को अहमदाबाद में आस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक जमा कर अपने प्रशंसकों को मुस्कराने का मौका दिया। यह उनका 28वां टेस्ट शतक है। इससे पहले विराट ने अपना आखिरी टेस्ट शतक 22 नवंबर 2019 को ईडन गार्डन्स में बांग्लादेश के खिलाफ लगाया था। अब कोहली के नाम 75 इंटरनेशनल शतक हो गए हैं। उन्होंने टेस्ट में 28, वनडे में 46 और टी-20 इंटरनेशनल में एक शतक जमाया है।

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