मुरादाबाद: पासपोर्ट हथियाने वाले रोहिंग्या की पहचान पर ग्रामीणों ने साधी चुप्पी, जानिए पूरा मामला

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Published By Vikas Babu
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मुरादाबाद, अमृत विचार। सिस्टम की आंख में धूल झोंक कर पासपोर्ट हथियाने वाले म्यांमार के रोहिग्यां मुसलमान की पहचान करने से ग्रामीणों ने इनकार कर दिया है। ग्रामीणों ने दो टूक कहा कि वह ऐसे किसी भी व्यक्ति को नहीं जानते, जिसने म्यांमार से आकर मुरादाबाद में भारतीय पासपोर्ट हथिया लिया। ग्रामीणों के दो टूक इनकार से पुलिस खाली हाथ है। फिर भी प्रकरण में सुरागकशी की कोशिश में सुरक्षा एजेंसियों ने अकबरपुर चेंदरी गांव में डेरा डाला है।

तेलंगाना के बालापुर थाने पर तैनात उपनिरीक्षक बी. श्रीकांत ने कांठ पुलिस को तहरीर देकर चौंका दिया। उन्होंने बताया कि आठ नवंबर 2022 को म्यांमार का रहने वाला एक रोहिंग्या मुसलमान हाल के महीनों में सउदी अरब से तेलंगाना पहुंचा। वह कैम्प नंबर एक रॉयल कॉलोनी, बालापुर गांव मंडल, रंगा रेड्डी में निवास करता था। जांच में पता चला कि रोहिंग्या से मिला पासपोर्ट बरेली कार्यालय ने वर्ष 2016 में जारी किया था।

पासपोर्ट संख्या - एन6071442 को तेलंगाना पुलिस ने जब्त कर लिया। रोहिंग्या की पहचान मोहम्मद फारूक उर्फ मोहम्मद इस्माइल पुत्र नूरुल हक उर्फ अहमद नूर के रूप में हुई। भारतीय पासपोर्ट हथियाने के लिए रोहिंग्या ने मुरादाबाद के कांठ थाना क्षेत्र में ग्राम अकबरपुर चेंदरी को अपना मूल पता बताया।

हालांकि वह मूलरूप से फोकिरा बाजार (गांव), मुंगडो (थाना), म्यांमार का रहने वाला है। पूछताछ में आरोपी ने गुनाह कबूल किया। बताया कि यूपी के ही रहने वाले मोहम्मद इलियास ने पासपोर्ट बनाने में उसकी मदद की। उपनिरीक्षक की तहरीर पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करते हुए कांठ पुलिस घटना की जांच में जुटी।

कांठ थाने के प्रभारी निरीक्षक आरपी सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने बुधवार को अकबरपुर चेंदरी गांव में डेरा डाल दिया। हालांकि पूछताछ में कोई ठोस सफलता पुलिस को नहीं मिली। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि ग्राम प्रधान व ग्रामीणों से पूछताछ की गई। उन्होंने मोहम्मद फारूक उर्फ मोहम्मद इस्माइल की पहचान करने से इनकार कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि ऐसा कोई व्यक्ति उनके गांव का निवासी नहीं है।

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