गोलमाल: मनरेगा गारंटी से ज्यादा 9175 परिवार को दे दिया काम
मनरेगा के तहत 72 जिलों में 100 दिन से ज्यादा कराया काम
केंद्र ने जताई आपत्ति, संबंधित जिलाधिकारी को जांच के निर्देश
अमृत विचार, लखनऊ। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में उत्तर प्रदेश के 72 जिलों ने नियम तोड़ दिया है। वर्ष 2022-23 में नरेगा वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार बागपत, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद को छोड़कर शेष जिलों में 9175 परिवार को 100 दिन से ज्यादा काम बांटा गया है। जबकि एक परिवार को 100 दिन तक रोजगार देने का प्राविधान है। सिर्फ सूखा की स्थिति में 150 दिन का रोजगार दिया जा सकता है। लेकिन, प्रदेश में सूखा जैसी घोषणा नहीं हुई थी।
सबसे अधिक बहराइच में 588, सीतापुर में 532, बस्ती में 488, जौनपुर में 487 व बाराबंकी में 485 परिवारों को रोजगार दिया गया है। हालांकि अभी अतिरिक्त दिनों की जानकारी नहीं हो पाई है। यह मामला 6 मार्च को संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की श्रम बजट निर्धारण की बैठक में खुला है। जिनकी आपत्ति पर ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने संबंधित जिलाधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं। हालांकि इस मामले पर ग्राम्य विकास आयुक्त से सपंर्क नही हो सका।
तकनीकी समस्या या धांधली की आशंका
मनरेगा में परिवार के सदस्य मिलकर काम करते हैं और 100 दिन का कार्य परिवार के सदस्यों में बांटकर जोड़ा जाता है। एक श्रमिक को 213 रुपये मजदूरी मिलती है। जो रोजाना न देकर इक्ट्ठा करोड़ों व अरबों में केंद्र सरकार भुगतान करती है। काम के हिसाब से मैटेरियल का भी अरबों में भुगतान होता है। ऐसे में 100 दिन से ज्यादा काम देने पर विभाग तकनीकी कमी बता रहा है तो वहीं धांधली की भी आशंका जताई जा रही है। फिलहाल जांच में गड़बड़ी मिली तो संबंधित ग्राम के सचिव से वसूली की जाएगी।
इन जिलों में भी सबसे ज्यादा परिवारों को काम
जालौन 409, संतकबीर नगर 317, आजमगढ़ 286, हमीरपुर 267, सुल्तानपुर 266, सिद्वार्थनगर 262, झांसी 240, महारजगंज 218, एटा 210, फिरोजाबाद 205, गाजीपुर 205, गोरखपुर 178, मिर्जापुर 172, श्रवास्ती 161, लखीमपुर खीरी 151, फतेहपुर 145, रामपुर 142, मथुरा 138, अमेठी 134, प्रतापगढ़ 129, उन्नाव 124, देवरिया 116, अयोध्या 99, पीलीभीत 98, प्रयागराज 97, अंबेडकर नगर 96, ललितपुर 95, बलरामपुर 92, मुरादाबाद 90, गोंडा 78, बिजनौर 77, बरेली 64, संभल 64, चंदौली 63, चित्रकूट 63, रायबरेली 59, शाहजहांपुर 53, सोनभद्र 53, हरदोई 52, कन्नौज 50, सहारनुपर 47, कासगंज 46, अमरोहा 43, बदायूं 39, फर्रुखाबाद 37, इटावा 31, कानपुर नगर 26 व लखनऊ में 16 परिवारों को अधिक काम दिया गया है।
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