बदायूं: राजकीय मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की हड़ताल जारी, इमरजेंसी सेवाएं रहीं चालू

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Published By Vikas Babu
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बदायूं, अमृत विचार। राजकीय मेडिकल कॉलेज में तैनात जूनियर और सीनियर डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार दूसरे दिन भी जारी रही, जिसकी वजह से गुरुवार दूसरे दिन भी मरीज भटकते रहे। हालांकि मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी सेवाएं जा रही हैं।  
राजकीय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को पिछले सात महीने से वेतन नहीं मिला है, जिसकी वजह से खासे परेशान हैं। कई बार मांग करने के बावजूद वेतन नहीं मिला तो बुधवार से हड़ताल कार्य बहिष्कार करके हड़ताल शुरू कर दी। यहां राजकीय मेडिकल कॉलेज में जूनियर और सीनियर मिलाकर 115 डॉक्टर हैं, जिन्हें वेतन नहीं मिला है।

इन डाक्टरों का कहना है कि हम लोगों ने मेडिकल कॉलेज के प्रबंधक से कई बार वेतन के लिए बोला है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि वेतन नहीं मिलेगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं की जाएंगी। मगर ओपीडी बंद रहेगी।

वहीं राजकीय मेडिकल कॉलेज में अति गंभीर मरीजों को जल्द ट्रामा सेंटर जैसी सुविधाएं मिलने लगेंगी। इसके बाद ट्रामा सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए गुरुवार को डब्ल्यूएचओ और एम्स की टीम ने यहां राजकीय मेडिकल कॉलेज में करीब पांच घंटे रहकर वर्तमान में मौजूद व्यवस्था देंखीं और उनमें सुधार करने के बारे में बताया। यहां तैनात डॉक्टरों और स्टाफ को गंभीर मरीजों को ट्रामा सेंटर जैसा इलाज करने के बारे में बताया।    

केंद्र सरकार की योजना हर 60 किलोमीटर पर ट्रामा सेंटर खोलने की है, जिससे दुर्घटना के शिकार लोगों को अति शीघ्र इलाज मिल सके। इसके तहत योगी सरकार सतत संजीवरी सेवा शुरू की है। इसके तहत हर राजकीय मेडिकल कॉलेज में रूट्रेंथनिंग इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर सिस्टम लागू किया जा रहा है। इसमें हर राजकीय मेडिकल कॉलेज में ट्रामा सेंटर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसके लिए डब्ल्यूएचओ और एक्स की टीमें राजकीय मेडिकल कॉलेजों में जाकर चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ उनमें सुंधार करा रही हैं। इसके बाद सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ट्रामा सेंटर बनाए जाएंगे।

इसी के तहत एम्स के कोआर्डिनेटर जगदीश चंद्र के नेतृत्व में डब्ल्यूएचओ की टीम गुरुवार सुबह करीब नौ बजे यहां राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंची। यहां टीम ने सबसे पहले इमरजेंसी सेवाओं का जायजा लिया। उन्होंने इमरजेंसी में तीन जोन बनाने को कहा। पहले रेड जोन होगा, जिसमें अति गंभीर मरीजों को रखे जाएंगे। दूसरा यलो जोन रहेगा, जिसमें गंभीर मरीज भर्ती किए जाएंगे।

तीसरा ग्रीन जोन होगा, जिसमें ऐसे मरीज रखे जाएंगे जो गंभीर नहीं होंगे, लेकिन उन्हें इमरजेंसी में रखने की जरूरत होगी। टीम ने गंभीर मरीजों को ले जाने वाले रैंप में सुधार करने को कहा। इमरजेंसी से ब्लड बैंक की दूरी को देखा। इसके बाद वार्डों में जाकर सुविधाएं देखीं और जरूरत के हिसाब से सुधार करने को कहा। इस दौरान मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और स्टाफ को गंभीर मरीजों का इलाज और सेवाएं देने के बारे में समझाया। किस गंभीर मरीज को कहां रखकर कैसे इलाज करना है इस सबके बारे में बताया। राजकीय मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने के बाद दोपहर करीब दो बजे टीम रवाना हो गई।

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