रामनगरः हिमालयी क्षेत्र की महिलाओं की दयनीय स्थिति पर हो मंथन- कल्याण सिंह

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Published By Shobhit Singh
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रामनगर, अमृत विचार। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामनगर में  गृह विज्ञान विभाग की ओर से आईसीएसएसआर प्रायोजित 'स्वास्थ्य एवं कल्याण में   निरन्तरता :संभावनाएं, समस्याएं एवं चुनौतियां' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान पद्मश्री कल्याण सिंह मैती ने हिमालयी क्षेत्र में महिलाओं की दयनीय स्थिति पर मंथन किये जाने के साथ-साथ जलस्रोतों की लगातार कमी के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। 

उन्होंने सतत विकास के लिए श्रोताओं को आह्वान किया। इससे पूर्व उत्तराखंड के उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. सीडी सूंठा ने दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उदघाटन किया। मुख्य वक्ता जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर की प्रो. आरएस रघुवंशी ने संगोष्ठी के विषय की प्रासंगिकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। 

मुख्य अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. सीडी सूंठा द्वारा महाविद्यालय के इस प्रयास की प्रशंसा की गई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एमसी पाण्डे ने अपने उद्बोधन में बताया कि विगत वर्षों में महाविद्यालय को हरित महाविद्यालय के रूप में दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हो चुका है, साथ ही मुख्यमंत्री नवाचार योजना के अंतर्गत महाविद्यालय में हिमालयी औषधि ज्ञान केंद्र सफलतापूर्वक कार्य कर रहा हैं।

महाविद्यालय में आगामी वर्षो में अमृतधारा मिशन के अंतर्गत 40 मेधावी छात्र-छात्राओं का चयन करके उनको सर्वांगीण विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। संगोष्ठी में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ और रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली से आए मूर्धन्य विद्वान प्राध्यापक प्रो. एनएल शर्मा और प्रो. जेके पुंडीर ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में सतत विकास की प्रक्रिया को गतिमान किये जाने के सन्दर्भ में महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. जीसी पंत, डॉ. डीएन जोशी व डॉ. कुसुम गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए संयोजिका डॉ. निवेदिता अवस्थी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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