अयोध्या: सैकड़ों मंदिरों की फसलें तबाह, भंडारा आयोजनों पर मंडराया संकट, छिटपुट बारिश ने बढ़ाई मुसीबत

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Published By Deepak Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। जनपद में तीन दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश ने किसानों की ही नहीं बल्कि अयोध्या के सैकड़ों मंदिरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मंदिरों की कई बीघे खेतों में लगी गेहूं की फसलें प्रभावित हो गई हैं, जिस कारण अब मंदिरों के भंडारा आयोजनों पर संकट मंडराने लगा है। 

बारिश के कारण गेंहू, सरसों, आलू आदि की फसलों पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। जनपद में आसपास के सैकड़ों बीघे खेत मंदिरों के हैं। वहां पैदा होने वाला आनाज व सब्जियां मंदिरों तक जाती हैं। साथ ही भगवान के भोग, राग व अनाज की आपूर्ति भी की जाती है। इन फसलों के देखरेख का जिम्मा भी किसानों को दिया जाता है, लेकिन बारिश के कारण फसलों के नुकसान से मंदिरों के भंडारे पर भी असर पड़ेगा। 

बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश दास बताते हैं कि लगभग 100 बीघे जमीन पर गेहूं की फसल लगाई गई थी, लेकिन बारिश से फसलें बहुत प्रभावित हुई हैं। यहां से निकलने वाले गेहूं से ही अगले एक साल तक मंदिर में भंडारे की व्यवस्था की जानी थी। क्योंकि यहां हजारों की संख्या में प्रतिदिन साधु-संत और भक्तों को भोजन कराया जाता है, लेकिन अब फसलों के बर्बाद हो जाने के कारण काफी नुकसान हुआ है।

बड़ा भक्तमाल मंदिर की जमीन पर बोवाई करने वाले एक किसान दीपक बताते हैं कि उसने इस बार लगभग 5 बीघे में गेहूं की बुवाई की गई थी। फसल पूरी तरह तैयार थी, लेकिन बारिश के कारण फसलें लेट गईं। फसल होती तो हमारी भी रोजी-रोटी आसानी से चल जाती।

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