फाइलेरिया उन्मूलन की राह पर यूपी, अब साल में केवल एक बार चलेगा MDA अभियान

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
On

लखनऊ, अमृत विचार : उप्र. फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। पहले जहां 51 जिलों के 782 ब्लॉकों में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चलाया जाता था, अब यह सिमटकर मात्र 17 जिलों के 52 ब्लॉकों तक रह गया है। संक्रमण में आई कमी की पुष्टि प्रि-टास, टास और नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) की रिपोर्ट से हुई, जिसके आधार पर निर्णय लिया गया है कि अब प्रदेश में एमडीए अभियान वर्ष में सिर्फ एक बार फरवरी में चलाया जाएगा।

राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ. ए.के. चौधरी ने बुधवार को विशेष बातचीत में बताया कि 17 जिलों के मास्टर ट्रेनर्स को वर्चुअल माध्यम से एमडीए की गुणवत्ता पर विशेष बल देते हुए प्रशिक्षण दिया गया। ये मास्टर ट्रेनर अपने जिलों में आशा कार्यकर्ताओं, सीएचओ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे। आठ जिलों में सीएचओ-पीएसपी समूह मरीजों को दवा सेवन के लिए प्रेरित करने और विरोध करने वालों को मनाने में सहयोग करेगा। 

साथ ही, डिस्ट्रिक्ट कोर ग्रुप भी गठित किए जा रहे हैं ताकि स्थानीय स्तर पर टीमों को संगठित कर कवरेज बढ़ाया जा सके। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक व्यक्ति को सामने दवा खिलाना सुनिश्चित करें तथा दवा न लेने वालों की पहचान कर उन्हें समझाएं। फाइलेरिया मरीजों को विकलांगता प्रमाण पत्र दिलाने पर भी जोर दिया गया। प्रशिक्षण में डब्ल्यूएचओ, पाथ, पीसीआई, सीफार और जीएचएस के प्रतिनिधियों ने मदरसों में कैंप लगाने सहित विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन दिया।

इन जिलों में चलेगा एमडीए: लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, रायबरेली, अंबेडकरनगर, अयोध्या, भदोही, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, बांदा, चित्रकूट, बलिया, कौशांबी, प्रतापगढ़, प्रयागराज और सोनभद्र।

ये भी पढ़े : 
प्रदेश में गलन भरी पछुआ बढ़ा रही ठिठुरन: IMD ने जारी किया अलर्ट, कई जिलों में कोहरे और सर्दी से जनजीवन प्रभावित

 

 

संबंधित समाचार