अमेठी: आपूर्ति कार्यालय में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, पूर्ति निरीक्षक पर लगाए यह गंभीर आरोप, जानें मामला

अमेठी: आपूर्ति कार्यालय में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, पूर्ति निरीक्षक पर लगाए यह गंभीर आरोप, जानें मामला

अमेठी। आपूर्ति कार्यालय अमेठी में सोमवार को पीठीपुर घाघूघार गांव निवासी दर्जनों ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए पूर्ति निरीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं ग्रामीणों का आरोप है कि रिश्वत न देने पर पूर्ति निरीक्षक ने निर्दोष कोटेदार पर निलंबन की कार्यवाही की है। कोटेदार के पति विवेक मिश्रा ने बताया कि बीते कुछ दिन पहले गांव निवासी कुछ लोगों ने राशन व चीनी कम मिलने की शिकायत की थी जो कि न ही राशनकार्ड धारक है और न ही मेरे कोटे पर राशन लेते है।

जिसके सापेक्ष में सप्लाई इंस्पेक्टर मेरे यहां जाँच करने आए और मात्र तीन लोगों के बयान पर मेरे कोटे पर कार्रवाई कर दिया। वहीं पीठिपुर निवासी लाभार्थी बसंती ओझा ने बताया कि हमें कोटेदार द्वारा पूरा राशन और चीनी दिया जाता है हमें कोटेदार से कोई शिकायत नहीं है।

वहीं ग्रामीणों का समर्थन करते हुए भाजपा मंडल अध्यक्ष अजय तिवारी ने कहा कि योगी सरकार जितना साफ सुथरा काम करना चाहती है तो वही यहां बैठे भ्रष्ट अधिकारी हमेशा कोटेदारों से जो ₹3000 नहीं देते है उनको सस्पेंड करने का पूरा प्रयास करते हैं जो कोटेदार ₹3000 दे देता है वह इनके निगाह में साफ-सुथरा रहता है बिना पैसा लिए आपूर्ति विभाग कार्यालय में कोई काम नहीं होता है योगी और मोदी सरकार में जब पूरा देश भ्रष्टाचार मुक्त हो रहा है तो अमेठी का यह कार्यालय क्यों भ्रष्टाचार में लिप्त है यह मैं पूर्ति निरीक्षक मनोज कुमार से जानना चाहता हूं।

वहीं ग्रामीणों के धरने का समर्थन कर रहे सरवनपुर अमेठी निवासी शैलेंद्र सिंह ने कहा कि वह 6 महीने से राशन कार्ड डिजिटल कराने के लिए आपूर्ति कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनका राशन कार्ड डिजिटल नहीं किया जा रहा है उनको आपूर्ति कार्यालय आने पर डिजिटल के लिए जिला जाने के लिए कहा जाता हैं। अमेठी एसडीएम प्रीति तिवारी व तहसीलदार पवन शर्मा ने आपूर्ति कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों को जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए धरना प्रदर्शन समाप्त करवाया है।

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