रुद्रपुर: बारिश से तराई के निचले इलाकों में 15 फीसदी गेहूं की फसल को नुकसान
खेतों में पानी भरने और तेज हवाओं के चलते खेतों में लेटी तैयार गेहूं की फसल
किसानों की माथे में पड़ी चिंता की लकीरें जिले में करीब 99048 हेक्टेयर में होता है गेहूं का उत्पादन, एक लाख दो हजार किसान करते हैं गेहूं की खेती
रुद्रपुर, अमृत विचार। एक अप्रैल से गेहूं की तौल शुरू होनी है, लेकिन इससे पहले ही बारिश ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीर पड़ने लगी है। तराई के निचले इलाकों में बारिश से पानी भरने और तेज हवाओं के चलते खेतों में गेहूं की फसल लेट गई है। इससे तराई में 15 फीसदी गेहूं की फसल के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
ऊधमसिंह नगर जिले में करीब 99048 हेक्टेयर में गेहूं की फसल बोई जाती है तथा एक लाख दो हजार किसान गेहूं की बुवाई करते हैं। वहीं इस बार तापमान के चलते कई स्थानों पर गेहूं की फसल पकने को तैयार है और एक अप्रैल से जिले में गेहूं की तौल भी शुरू हो जाएगी।
लेकिन फसल कटने से पहले बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। मौसम वैज्ञानिकों ने मंगलवार को भी बादलों के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई है। जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों से खेतों में भरे पानी की निकासी करने को कहा है।
तराई में 31.6 मिमी. बारिश हुई रिकॉर्ड
तराई में सुबह से तेज हवा और बारिश के साथ 31.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। बारिश से ठंड एक बार फिर से लौट आई है। मौसम वैज्ञानिकों ने मंगलवार को तराई में कुछ इलाकों में हल्की बारिश और बादल लगे रहने की संभावना जताई है, जबकि पहाड़ी इलाकों में 10 से 20 मिलीमीटर तक बारिश होने की संभावना जताई है।
जीबी पंत विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि मंगलवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि वातावरण में नमी की मात्रा 92 फीसदी और दक्षिण पूर्व से 5.8 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली।
