काशीपुर: बेमौसमी बारिश ने तोड़ी अन्नदाताओं की कमर
काशीपुर, अमृत विचार। देर रात से लगातार आसमान से बरस रही बेमौसमी बारिश ने अन्नदाताओं की कमर तोड़ कर रख दी है। खेत में पानी जमा होने के साथ हवा से गेहूं की फसल गिरकर बिछ गई है और खेत में कटी लाही की फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने प्रशासन से सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई है।
दरअसल जिला ऊधमसिंह नगर में करीब 98 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल और 5-6 हजार हेक्टेयर में लाही की फसल बोई गई है। इनमें अगेती बोई गई गेहूं की फसल करीब तैयार हो चुकी थी और लाही की फसल कुछ किसानों ने काटने के बाद सुखाने के लिए खेत में छोड़ रखी थी। सोमवार की रात से हुई बारिश होने से खेतों में पानी जमा हो गया है। साथ ही हवा चलने से बहुत से किसानों की गेहूं की पकी फसल खेत में बिछ गई है।
करीब 25 प्रतिशत गेहूं और करीब 10 प्रतिशत लाही फसल बर्बाद होने का अनुमान है। फसल खराब होने से किसानों को वाजिब दाम नहीं मिल पाता है। दाना खराब होने से गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। वहीं मसूर और चने की फसल भी प्रभावित होती नजर आ रही है। मसूर को बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है। जिससे किसानों को भारी नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
फसल बर्बाद होने से किसानों के चेहरे पर चिंता साफ देखी जा सकती है। कुदरत की मार से अन्नदाता ऊपर उठने के बजाए गिरता जा रहा है। छोटे किसानों को परिवार के भरण पोषण के लिए मजदूरी करने को विवश होना पड़ता है। प्रशासन फसलों के नुकसान का सर्वे कराती है, लेकिन हर साल मुआवजा नाममात्र का ही मिलता है।
