बरेली : नाव पर सवार होकर आई मां नवदुर्गा, दर्शन पाने को लगी लंबी कतार

बरेली : नाव पर सवार होकर आई मां नवदुर्गा, दर्शन पाने को लगी लंबी कतार

बरेली, अमृत विचार। आस्था के पर्व चैत्र के नवरात्र की शुरुआत हो गई है। मां दुर्गा सुख-समृद्धि लेकर इस बार नाव पर सवार होकर आई हैं। घर-घर घट स्थापना के साथ मां दुर्गा की आराधना शुरू हो गई। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल और ब्रह्म योग से हो रही है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन 22 मार्च को ब्रह्म योग सुबह 9.18 से 23 मार्च को 06.16 मिनट तक रहेगा। वहीं शुक्ल योग 21 मार्च को प्रात: 12.42 से 22 मार्च को सुबह 09.18 मिनट तक रहेगा। चैत्र नवरात्रि 22 मार्च दिन बुधवार से शुरू होने जा रही है।

नवरात्र 22 मार्च यानी आज बुधवार से शुरू हो रहे हैं। इस बार नवरात्र पूरे 9 दिन के होंगे जो 30 मार्च गुरुवार तक चलेंगे।साथ ही ज्योतिष के अनुसार नव संवत्सर 2080 की शुरुआत भी इसी दिन से प्रारंभ होगी। बता दें, इस वर्ष के राजा बुध ग्रह रहेंगे। वही मंत्री शुक्र ग्रह होंगे। यानी इस वर्ष राजा और मंत्री दोनों ही बहुत ही शुभ फलदायक होंगे। देवी भागवत के अनुसार बुधवार से नवरात्र का शुभारंभ होगा। जिस कारण देवी नौका पर सवार होकर आएंगी। नाव पर मां दुर्गा का आगमन बहुत ही शुभ होता है। इससे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

नवरात्रि में विधि विधान से माता की पूजा करने से भक्तों को हर कार्य में सफलता मिलती है। जिस प्रकार मां के आगमन की सवारी होती है। वैसे ही मां की विदा होने के दिन के अनुसार मां की प्रस्थान की भी सवारी होती है। इस बार मां का प्रस्थान हाथी पर होगा हाथी पर प्रस्थान होना भी शुभ संकेत माना जा रहा है हाथी प्रस्थान का अर्थ है कि अच्छी बारिश होने के आसार रहने वाले हैं। यानी इस बार की चेत्र नवरात्रि लोगों के लिए बहुत ही सुखद रहने वाली है क्योंकि मां दुर्गा का नाव पर आगमन और हाथी पर प्रस्थान करना दोनों को ही शुभ माना जाता है।

दुर्लभ योगों का संयोग लाएगा खुशहाली
इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुभ संयोग में हो रही है। इस दिन सूर्य, चंद्र, बुध और गुरु ग्रह एक साथ चतुर्ग्रही योग बना कर मीन राशि में गोचर कर रहे होंगे। साथ ही शुक्ल और ब्रह्म योग का भी संयोग भी नवरात्रि को मंगलकारी बना रहा है।ऐसे शुभ संयोगों के कारण चैत्र नवरात्रि भक्तों के लिए विशेष फलदायी रहने वाला है।नवरात्रि के प्रारंभ के समय में उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रहेगा। शास्त्रों में इस नक्षत्र को ज्ञान खुशी और सौभाग्य का सूचक माना गया है।

घटस्थापना की पूजा विधि
घट स्थापना के लिए चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन मिट्टी का कलश लें और उसे शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित कर दें। घट स्थापना से पहले थोड़े से चावल डालें इसके बाद कलश इसके ऊपर रखें और कलश के ऊपर एक लाल चुनरी से नारियल बांधकर रख दें। याद रखें की एक रुपए का सिक्का जल में जरूर डाले। साथ ही कलश पर कलावा जरुर बांधे। कलश पर स्वास्तिक जरुर बनाएं। इस बात का ख्याल रखें की आप जहां कलश की स्थापना कर रहें हैं वह जगह साफ हो। साथ ही ध्यान रखें की पूजा स्थल के ऊपर कोई भी अलमारी या सामान न हो। गणेश, सूर्य ,विष्णु ,शिव और मां दुर्गा की आराधना करें। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ समस्त दुखों का अंत करता है। और भगवती की कृपा से सुखों की बारिश होती है।

इस बार मां भगवती की कृपा भक्तों पर खूब बरसेंगी। यह दुर्लभ योग भक्तों के यहां धन धान्य- धन के भंडार भरेंगे। इसलिए इस बार शक्ति की आराधना अत्यंत मंगलकारी और पुण्यदायी रहेगी। नौ दिनों तक मां की आराधना की जाएगी। बरेली शहर में माता रानी के मंदिर में सुबह पांच बजे से भक्तों की लंबी कतार देखी गई। माता के जयकारों, घण्टे से मंदिर माता रानी के रंग में नजर आया। शहर के कालीबाड़ी स्थित दुर्गा मंदिर में मंगलवार से ही तैयारियां शुरू हो गई थीं। सुभाषनगर के चौरासी घंटा में भी भक्तों का सुबह पांच बजे से आना शुरू हो गया। नेकपुर देवी मंदिर में भी भारी भीड़ देखी गई। इस दौरान वहां लगे मेले में बच्चे खिलौने आदि खरीदते नजर आए।

व्यवस्था संभालते नजर आए सेवादार
आज चैत्र के नवरात्र के पहले दिन भारी संख्या में भक्त मंदिर पहुंच रहे थे। माता के दर्शन दर्शन पाने के लिए लोगों को सेवादार द्वारा लाइन में लगाया जा रहा था। जिससे किसी को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो साथ ही साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा गया है। शहर के प्रमुख मंदिरों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे से मंदिर में निगरानी रखी गई।

प्रसाद, चुनरी  की दुकान पर लगी थी भीड़
शहर के दुर्गा मंदिरो में सुबह से ही भक्तिमयी नजारा देखने लायक था। मंदिर के आसपास फल, प्रसाद माता रानी की चुनरी की सजी दुकानों पर सुबह से ही भीड़ थी। लोग अपनी मुराद पूरी करने के लिए नारियल चुनरी आदि खरीद रहे थे।

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